द फोटोन न्यूज, जमशेदपुर/Jamshedpur Saryu Rai : भारतीय जनतंत्र मोर्चा प्रदेश स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन रविवार को सिदगोड़ा स्थित बिरसा मुंडा टाउन हॉल में हुआ। इसमें पार्टी के संरक्षक और जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने भ्रष्टाचार करने वालों पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा-कि 2015-16 से 2019-20 तक किया गया भ्रष्टाचार, भ्रष्टाचार नहीं है लेकिन 2020 के बाद तीन भ्रष्टाचार के मामले भ्रष्टाचार कहलाते हैं। भ्रष्टाचार पर ऐसा दोहरा मापदंड नहीं चलेगा।
भ्रष्टाचार में दोहरा मानदंड नहीं चलेगा। हेमंत सोरेन सरकार में करप्शन के तीन मामले हुए, जबकि पिछली रघुवर सरकार में 35 मामले थे। ईडी दोनों से पूछताछ करे। सरयू ने कहा कि दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक बीएमडब्ल्यू कार पर सवारी कर ली तो वह भ्रष्टाचारी हो गए, जबकि वह बीएमडब्ल्यू धीरज साहू के नाम से है।
लेकिन, जमशेदपुर में 1101 नंबर की इनोवा गाड़ी पर जब पूर्व मुख्यमंत्री, उनकी पत्नी, उनके अन्य रिश्तेदार घूमते रहे, तब यह भ्रष्टाचार का मामला नहीं बना। यह इनोवा भी प्रेम प्रकाश और उसके मित्र भार्गव ने खरीदी थी। यह भ्रष्टाचार के दोहरे मापदंड का ही उदाहरण है। जमशेदपुर के एग्रिको में यह गाड़ी एक गैराज में पाई गई, पति-पत्नी के कार में बैठे हुए तमाम फोटोग्राफ भी पाए गए थे। ईडी ने इनोवा वालों से कोई पूछताछ नहीं की, कमाल है। बीएमडब्ल्यू पर चढ़ने वाला करप्ट हो गया, लेकिन इनोवा पर चढ़ने वाला भ्रष्टाचारी नहीं है।
सम्मेलन में 20 बिंदुओं का राजनीतिक व सामाजिक प्रस्ताव भी पारित किय गया। इस दौरान सरयू राय के जमशेदपुर व धनबाद से लोकसभा चुनाव लड़ने का प्रस्ताव भी रखा गया, जिस पर सरयू राय ने कहा कि फिलहाल मेरी प्राथमिकता जमशेदपुर पूर्वी है। सम्मेलन को केंद्रीय अध्यक्ष धर्मेंद्र तिवारी, उपाध्यक्ष पीएन सिंह सहित कई पदाधिकारियों ने संबोधित किया। इसमें रांची, जमशेदपुर, रामगढ़, बोकारो, धनबाद, चतरा, गढ़वा, पलामू, हजारीबाग व चाईबासा के जिलाध्यक्ष ने भी अपने विचार रखे।
Jamshedpur Saryu Rai : रघुवर सरकार में पूजा सिंघल निर्दोष कैसे हो गईं
सरयू ने कहा कि हेमंत सरकार में एक मामला साहेबगंज-पाकुड़ में पत्थर का है, दूसरा मामला शराब घोटाला का है और तीसरा मामला पूजा सिंघल के ऊपर करप्शन के चार्जेज हैं। इन तीनों घोटालों में ईडी ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि ये घोटाले 2015-16 से चलते आ रहे हैं। अब सवाल यह है कि 2015-16 से 2019-20 के भ्रष्टाचार की गिनती नहीं करेंगे और हेमंत सोरेन के तीन साल के भ्रष्टाचार की गिनती करेंगे तो ये तो अन्याय है। हम तो चाहते हैं कि दोनों सरकारों में जितने भी भ्रष्टाचार के मामले हैं, सबकी गिनती करें और दोनों के ऊपर में कार्रवाई करें।
अगर ईडी पक्षपात नहीं करती तो दोनों को बुला कर पूछताछ करती। पूजा सिंघल का तो मामला ही अजीब है। 2017 में पूजा सिंघल को तत्कालीन मुख्यमंत्री के दस्तखत से क्लीन चिट दे दिया गया था। उन्हीं आरोपों में ईडी ने पूजा सिंघल को 2022 में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह दो साल से जेल में हैं।
जमानत नहीं हो रही है उनकी। इसका मतलब यह हुआ कि पूजा सिंघल 2017 में भी भ्रष्ट थीं और 2022 में भी भ्रष्ट थीं। अब एक बार ईडी को बुला कर पूछना तो चाहिए कि आपने 2017 में पूजा सिंघल को कैसे निर्दोष करार दिया।
शराब घोटाले में भोर सिंह यादव जैसा कर्मठ और ईमानदार अफसर थाने में बैठा रहा। शाम में थानेदार को किसी ने ऊपर से फोन किया और थानेदार ने यादव से कहा कि कमिश्नर साहब, हम आपकी एफआईआर रद्द नहीं करेंगे। आज उसी को आधार बना कर प्रेम प्रकाश को सीबीआई ने जेल में रखा है।
सरयू राय ने कहा कि कुछ पद ऐसे होते हैं, जिन पर एफआईआर नहीं होती। राष्ट्रपति-राज्यपाल का पद ऐसा ही होता है। लोगों को जब लगता है कि अब ईडी-सीबीआई पूछताछ करेगी, वह फंस जाएंगे, तो ऐसे में भारत सरकार उन्हें ऐसे ही पद देकर बचा लेती है। लेकिन लोग भूल जाते हैं कि आप जब उन पदों पर नहीं रहते हैं तो आप पर मुकदमा चल सकता है।
कल्याण सिंह का प्रसंग लोगों को याद रखना चाहिए। जब वह पद से हटे तो सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सजा दी। बेशक एक दिन की दी पर सजा दी। ये सब होते रहता है। जो अपना है, उसे बचा लीजिए। दूसरे को जेल में ठूंसते रहिए। इस तरह से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा।
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