पॉलिटिकल डेस्क, शिमला। Himachal Politics: कहा जाता है कि राजनीति संभावनाओं का खेल है। इसमें कब क्या हो जाए, यह किसी को नहीं पता होता। यहां असंभव कुछ भी नहीं। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश में राजनीति समीकरण लगातार बदल रहे हैं। कहा जा रहा है कि अगले सप्ताह कोई बड़ा धमाका हो सकता है। चंडीगढ़ के ललित होटल में ठहराए गए छह अयोग्य घोषित व तीन निर्दलीय मिलकर खेला कर सकते हैं। फिलहाल इन सभी को उत्तराखंड के ऋषिकेश ले जाया गया है।
Himachal Pradesh- उठाया गया यह कदम
अयोग्य घोषित व तीन निर्दलीय विधायकों के स्थान परिवर्तन को गंभीरता से देखा जा रहा है। हालांकि, पार्टी इसे सामान्य बात बता रही है लेकिन जानकारों का कहना है कि पार्टी के अंदर सबकुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है। भाजपा और अयोग्य विधायकों के संपर्क में एक सूत्र का कहना है कि सोमवार के बाद हिमाचल प्रदेश में कुछ बड़ा होगा , जिसकी तैयारी में यह कदम उठाया गया है।
Himachal Pradesh- सुप्रीम कोर्ट का फैसला होगा महत्वपूर्ण
इन सभी विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में है। ऐसे में कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट से यदि इन विधायकों के पक्ष में कोई फैसला आता है तो भाजपा निर्दलीय विधायकों के साथ मिलकर 34 का आंकड़ा छू लेगी। इतना ही आंकड़ा कांग्रेस के पास होगा, लेकिन कांग्रेस में इसमें से एक सदस्य को अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाना होगा। इसलिए सदन के भीतर आंकड़ों की स्थिति काफी रोचक होगी। वोट का हक अध्यक्ष के पास भी रहेगा, लेकिन बाद में।
Himachal Pradesh- क्या कह रहें अयोग्य घोषित विधायक
इधर, अयोग्य घोषित विधायक विधानसभा में खुले रूप से कहना शुरू कर दिया है कि उनका अपहरण नहीं किया, बल्कि हम राष्ट्रहित में स्वेच्छा से यहां हैं। सुधीर शर्मा ने इंटरनेट मीडिया पर लिखा है कि सरकार बहुमत खो चुकी है। विधायकों के परिवारों को अफसरों के माध्यम से प्रलोभन दिए जा रहे हैं। सुजानपुर के पूर्व विधायक राजेंद्र राणा और यहां तक कि निर्दलीय विधायकों ने भी दावा किया है कि वे किसी दबाव में नहीं हैं।
Himachal Pradesh- फैसले पर होगी नजर
सुप्रीम कोर्ट में छह अयोग्य घोषित विधायकों के मामले में अगले सप्ताह सुनवाई प्रस्तावित है। ऐसे में कोई भी निर्णय हिमाचल की राजनीति को प्रभावित करेगा।
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