पॉलिटिकल डेस्क : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh MLA) में राज्यसभा चुनाव में हुए क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने बड़ा एक्शन लेते हुए अपने 6 विधायकों पर कार्रवाई करने के आदेश दिया है। बता दें कि दोनों ही उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, जिसके बाद टॉस कराकर बीजेपी के प्रत्याशी को जीत दी गई।
राज्यसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार को वोट देने वाले 6 कांग्रेस विधायकों को नोटिस देने पर हिमाचल प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जैसा कि कल कहा था, वे बजट पारित करने के लिए भाजपा विधायकों को निलंबित कर देंगे और उन्होंने ऐसा किया भी। अब वे बीजेपी प्रत्याशी का समर्थन करने वाले विधायकों पर कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
बागी गुट के सूत्रों ने गुरुवार को बताया कि 6 बागी कांग्रेसी विधायकों ने अपनी अयोग्यता को चुनौती देते हुए हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने गुरुवार को छह कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया। इन विधायकों ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट के लिए हाल ही में हुए चुनाव में बीजेपी के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की थी।
उन्होंने वित्त विधेयक पर सरकार के पक्ष में मतदान करने के पार्टी व्हिप की अवहेलना करते हुए विधानसभा में बजट पर मतदान से भी परहेज किया था। इसे उन्हें अयोग्य घोषित करने का कारण बताया जाता है।
कौन-कौन विधायक हैं शामिल
अयोग्य घोषित किए गए विधायकों में राजेंद्र राणा, सुधीर शर्मा, इंद्रदत्त लखनपाल, देवेंद्र कुमार भुट्टो, रवि ठाकुर और चैतन्य शर्मा शामिल हैं। संकट के बीच, मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने आधिकारिक आवास पर पार्टी विधायकों के साथ नाश्ते पर बैठक की। इस बीच, हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक एवं कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “राज्यसभा के चुनाव में पार्टी को सीटें खोने का अफसोस है। पार्टी विधायकों से बात की गई है और इसे लेकर आपस में एक सहमति बनी है।
(Himachal Pradesh MLA)
6 मेंबर की कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी। कॉर्डिनेशन कमेटी में मुख्यमंत्री, PCC प्रेसिडेंट, उप मुख्यमंत्री और अन्य सदस्य रहेंगे। हिमाचल विधानसभा के स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा, ” इन 6 विधायकों ने दल बदल कानून का उल्लंघन किया है। मैं इन 6 विधायकों को सदन से बर्खास्त कर रहा हूं। मैंने इन विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया है। अब वो हिमाचल विधानसभा के सदस्य नहीं होंगे।”
बुधवार को स्पीकर ने फैसला सुरक्षित रखा था
गौरतलब है कि संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने एंटी डिफेक्शन ट्रिब्यूनल के समक्ष क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग रखी थी। वहीं, बीजेपी नेता और वरिष्ठ वकील सत्य पाल जैन ने क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायकों की ओर से स्पीकर के समक्ष पैरवी की थी। एंटी डिफेक्शन ट्रिब्यूनल के चैयरमैन विधानसभा अध्यक्ष होते हैं।
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