जमशेदपुर/Bistupur Kavi Sammelan ; बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में चल रहे 17वें स्वदेशी मेला में रविवार की शाम कवियों के नाम रही, जिसमें देश के नामचीन कवियों ने बारिश की फुहार के बावजूद अपना रंग जमा दिया। सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत हुए अखिल भारतीय कवि सम्मेलन के मुख्य आकर्षण छत्तीसगढ़ के रायपुर से आए पद्मश्री डॉ सुरेंद्र दुबे, दिल्ली की खुशबू शर्मा और बनारस के अनिल चौबे रहे।
डॉ सुरेंद्र दुबे ने अपने चिरपरिचित तकियाकलाम ‘सांस लेना है…’, से तो श्रोताओं को हंसाया ही, ‘नारी वंदन अभिनंदन, हर घर में पूजा की घंटी है, यह घंटी नहीं बाबू मोदी की गारंटी है…’, से चुनावी मौसम में खूब तालियां बटोरीं। इसी तरह अनिल चौबे ने ‘औषध ला हनुमान जहां रघुवीर की दूर व्यथा करते हैं, धन्य है भारत देश जहां काग भी राम कथा करते हैं…’ के अलावा बनारस की खूबियों पर एक से बढ़ कर एक रचना सुनाई, जिस पर खूब ठहाके लगे। खुशबू शर्मा ने ‘मैं कोई फूल नहीं हूं जो बिखर जाऊंगी, मैं वो खुशबू हूं जो सांसों में उतर जाऊंगी…’ के अलावा प्रेम व श्रृंगार रस की रचनाएं तो सुनाई ही, लौहनगरी के श्रोताओं को हास्य की चाशनी से भी सराबोर किया।
कवियों का स्वागत मेला संयोजक अशोक गोयल, मंच के अखिल भारतीय सह संघर्षवाहिनी प्रमुख बंदेशंकर सिंह, खादी ग्रामोद्योग आयोग, पूर्वी भारत के सदस्य मनोज सिंह, मेला सह संयोजक अमित मिश्रा और सीबीएमडी की निदेशक मंजू ठाकुर ने किया।
Bistupur Kavi Sammelan ; लगभग 100 बच्चों ने उकेरे चित्र
स्वदेशी मेला के सभागार में रविवार को बच्चों के बीच चित्रांकन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इसमें लगभग 100 से ज्यादा बच्चों ने भाग लिया।
इन बच्चों को चार ग्रुप में विभाजित किया गया था। पहले नर्सरी से क्लास 2 तक के बच्चों को उनकी इच्छा अनुसार चित्र बनाने को कहा गया था। दूसरे ग्रुप में क्लास 3 से 5 तक को ग्रामीण भारत या पर्यावरण पर आधारित चित्र बनाने को कहा गया था। ग्रुप सी में क्लास 6 से क्लास 8 तक के बच्चों को शामिल किया गया था, जिन्हें भारत के पारंपरिक उद्योग के बारे में चित्र बनाने को कहा गया था। क्लास 9 और उसके ऊपर को विकसित भारत के बारे में चित्रांकन करने को कहा गया था।
इस कार्यक्रम में शामिल बच्चों को उत्साहित करने के लिए मनोज कुमार सिंह, सदस्य-खादी ग्रामोद्योग आयोग उपस्थित थे। और सभी चित्रों को जज करने के लिए तन्मय झा उपस्थित थे। चित्रांकन का परिणाम मेले के समापन पर 21 मार्च को शाम 6 बजे को घोषित किया जाएगा।
वहीं, आइडिया पिच प्रतियोगिता में कई नए स्टार्टअप आए। इन्होंने कई अच्छे बिज़नेस के आइडियाज दिए जैसे एक्सीडेंट के केस में मूवेबल चेसिस से चालक की जान बचाने का आइडिया, पैदल चल कर रोज का 30 मेगावाट बिजली उत्पन्न करना और देश के सारे स्कूल की डायरी को एक प्लेटफॉर्म पर लाना जैसे आइडिया सामने आए। इस प्रतियोगिता के संयोजक वर्कर्स कॉलेज के प्रोफ़ेसर अमर कुमार रहे।
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