हेल्थ डेस्क, नई दिल्ली/Depression Obesity: डिप्रेशन अथवा अवसाद आज के समय में एक ऐसा शब्द बन गया है, जिसे हर दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल करता है। कोरोना महामारी के दौरान डिप्रेशन शब्द अधिक चर्चा में आया। अवसाद के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से एक आत्मग्लानि भी है।
आजकल बच्चों में मोटापे के कारण अवसाद की समस्या देखने को मिल रही है। महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज-अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. केके चौधरी कहते हैं कि बच्चे बहुत सेंसेटिव होते हैं, कोई भी बात उन्हें बहुत जल्दी प्रभावित करती है। यदि कोई भी उनकी शारीरिक बनावट को लेकर उनका मजाक उड़ाता है, तो यह उनके लिए एक बुरे सपने जैसा प्रतीत होता है।
अधिकतर बच्चे मोटापे के कारण अवसाद ग्रसित हो रहे हैं। आइए जानते हैं कि बच्चों में मोटापे के कारण और उसे दूर करने के लिए माता-पिता या अभिभावकों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं…।
– रखें संवेदना का भाव : मोटापे या किसी भी अन्य बीमारी का इलाज करने से भी पहले यह जरूरी है कि पीड़ित व्यक्ति को मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जाए और इसके लिए सबसे पहला कदम यह है कि बच्चों के प्रति संवेदना का भाव रखा जाए। उनका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए। किसी भी प्रकार से उन्हें इसका दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। बच्चे मन के बहुत कोमल होते हैं और उन्हें यह अहसास दिलाना कि वे मोटापे से ग्रस्त हैं, यहीं उनके डिप्रेशन का मुख्य कारण हो सकता है।
– सक्रियता है जरूरी : आज के इस डिजिटल युग में बच्चे टीवी और फोन से अधिक चिपके रहते हैं। पढ़ने से लेकर खेलने तक बच्चे मोबाइल पर ही समय व्यतीत करते हैं, जिसके कारण उनकी शारीरिक सक्रियता बिल्कुल शून्य हो जाती है। बच्चों को कम से कम शाम के समय बाहर खेलने के लिए भेजें। भागदौड़ या साइकिल चलाना अथवा डांस करना आदि उनका कोई भी शौक उन्हें फिजिकली फिट रखने में मदद कर सकता है।
– अधिक चीनी से करें परहेज : बच्चों को मीठा खाना पसंद होता है। इस चक्कर में वह कोल्ड ड्रिंक या चॉकलेट आदि का सेवन अधिक मात्रा में कर लेते हैं, जो उनके लिए नुकसानदायक है। इसीलिए बच्चों को चॉकलेट और कोल्ड ड्रिंक की जगह पानी पीने के लिए प्रेरित करें।
– भोजन पर हो नियंत्रण : अक्सर बच्चों को जब बहुत तेज भूख लगती है, तो वह आवश्यकता से अधिक भोजन कर लेते हैं, जो उनके मोटापे का कारण बनता है। इसलिए इस बात का ध्यान रखें कि बच्चों को बहुत देर तक भूखा रखने के बजाए हर दो घंटे पर कुछ हेल्दी स्नैक्स जैसे फ्रूट या अंकुरित अनाज देते रहें।
क्या नहीं करें
– बहुत देर तक भूखा न रखें : यदि आप ऐसा सोचते हैं कि बच्चों का वजन कम करने के लिए आप उसे बहुत लंबे समय तक खाना नहीं देंगे, तो इसका सीधा प्रभाव उनके स्वास्थ्य पर पड़ेगा। इसलिए बच्चों की डाइट को इतना भी Strict न रखें। उन्हें समय-समय पर संतुलित भोजन और पोषण से भरपूर आहार दें।
– न दें Treat Meal : अक्सर यह देखा जाता है कि बच्चे अगर कुछ अच्छा काम करते हैं, तो माता-पिता Treat के तौर पर कुछ खाने के लिए दे देते हैं। ऐसा करने से बच्चों में आवश्यकता से अधिक खाने की आदत हो जाएगी, और इससे उनका वजन तेजी से बढ़ेगा।
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