स्पेशल डेस्क/Child foot Pain : अक्सर बच्चे पैरों में दर्द होने की वजह से परेशान हो जाते हैं। कभी-कभी यह दर्द इतना बढ़ जाता है कि अभिभावकों का टेंशन बढ़ा देता है। ज्यादातर पेरेंट्स इसे बच्चों की शारीरिक कमजोरी से जोड़कर देखते हैं। दिनभर खेलकूद के बाद शाम को या सोते समय बच्चों को लेग पेन की समस्या होती है। इसे ग्रोइंग पैन भी कहा जाता है। इस आर्टिकल में हम बताएंगे कि बच्चों के पैरों के दर्द को कम करने लिए कौन-कौन उपाय आजमाना चाहिए।
Child foot Pain : यह समस्या दो से 12 साल के बच्चों के बीच होती है
पीडियाट्रिशियन डॉ मंगल सिंह ने बताया कि बच्चों के खेलते समय मांसपेशियों में होने वाले दर्द को हम ग्रोइंग पेन कहते हैं। आमतौर पर यह दर्द थाई और पिडंलियों में होता है। जैसे-जैसे शाम और रात का समय होता है, यह दर्द बढ़ता जाता है। इससे बच्चों को रात में नींद नहीं आती है।
दर्द से उन्हें सोने में काफी ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। यह समस्या दो से 12 साल के बच्चों में ज्यादा होती है। हालांकि, किशोरावस्था में यह समस्या खत्म हो जाती है। इससे बच्चों को चलने और दौड़ने में समस्या नहीं होती है। अगर आपके बच्चे को भी पैर में दर्द के साथ वजन कम, बुखार और पैरों में सूजन की समस्या हो गई है, तो जांच करवाएं।
Child foot Pain : पैरों की मांसपेशियों में होता है दर्द
बच्चों को दर्द पैरों की मांसपेशियों में होता है। यह दर्द कुछ-कुछ अंतराल पर होता है, जो बच्चों को सोने तक नहीं देता है। दरअसल, बच्चे का शरीर दिनभर एक्टिव रहता है। वहीं, शाम होते-होते उनके पैरों की गतिविधियां बंद हो जाती हैं, जिससे बच्चों के पैरों में दर्द की समस्या शुरू हो जाती है। काफ, थाइ, घुटने की पीछे काफी ज्यादा दर्द बच्चे महसूस करते हैं।
आजमाएं ये उपाय
मसाज करें
बच्चों के पैर में दर्द होने पर मसाज करना उन्हें आराम और राहत दिला सकता है। सबसे पहले उनसे पूछें कि उनके पैर कहां दर्द कर रहा है और वहां किस प्रकार का दर्द है। बच्चे को सही स्थिति में बैठा लें, जिससे आप उनके पैरों को आसानी से मसाज कर सकें। मसाज करते वक्त तेल का उपयोग करें। कोकोनट ऑयल, जोजोबा ऑयल या एलोवेरा जेल से मसाज करने पर दर्द कम हो सकता है। तलवे से शुरू करके धीरे-धीरे पैर की ऊपरी ओर की ओर मसाज करें। रात को सोने से पहले मसाज करें, यह फायदा करता है।
प्रतिदिन स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करवाएं .
बच्चों को स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करवाएं। यह मांसपेशियों के दर्द को कम करता है। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से बच्चों के मसल्स मजबूत होते हैं। हर दिन बच्चों को 15 मिनट स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज करवाएं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज पैर की मांसपेशियों को त्वरित करने और पैरों की लचीलापन को बढ़ाने में मदद करती है। स्ट्रेचिंग करने से पैरों की मांसपेशियों की लंबाई बढ़ती है, जिससे उनमें रक्त प्रवाह बढ़ता है और पैरों में दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
बच्चे को पानी पिलाते रहें
अगर आपके बच्चे में मसल्स पेन की समस्या होती है, तो बच्चे के बॉडी डिहाइड्रेट न होने दें। उन्हें छोटे-छोटे अंतराल पर पानी पिलाएं। इससे शरीर एक्टिव और स्वस्थ्य रहेगा। पानी पीते रहने से मसल्स पेन की समस्या नहीं होगी। अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का भी सामना नहीं करना पड़ेगा।
आहार में पोषक तत्वों को जोड़ें
अगर आपके बच्चों के पैरों में दर्द की समस्या होती है, तो बच्चों के आहार में पोषक तत्वों वाले भोजन को जोड़े। इनडोर एक्टिविटी के कारण विटामिन डी की कमी बच्चों में होती है, इसलिए विटामिन डी के पोषक तत्वों को आहार में जोड़ें। कैल्शियम पैरों की हड्डियों और मांसपेशियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है।
इसलिए, आप बच्चों के आहार में दूध, दही, पनीर, तिल, मक्खन, संतरे, गोभी और सफेद मांस जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल कर सकते हैं। इसके साथ ही मैग्नीशियम, विटामिन सी, ओमेगा-3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्व को बच्चे के आहार में शामिल करें। इनसे उनकी हड्डियों मजबूत होगी और मसल्स पेन की शिकायत नहीं होगी।
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