जमशेदपुर/Theater Workshop: लौहनगरी की नाट्य संस्था थिएटर के सौजन्य से पांच दिवसीय रंगमंच अभिनय कार्यशाला का समापन हो गया। समारोह स्वर्णरेखा नदी तट स्थित गांधी घाट पार्क में बुधवार को हुआ।
इस रंगमंच अभिनय कार्यशाला में विशष प्रशिक्षक के रूप में राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के स्नातक जीतराई हांसदा सम्मिलित हुए, जिन्होने कार्यशाला में सम्मिलित हुए प्रतिभागियों को अपने अनुभव के अनुसार अभिनय की बारिकियों को बताते हुए खेल-खेल में अभिनय करना सिखाया.
इस अभिनय कार्यशाला में लगभग 40 से अधिक बच्चों ने नामकरण करवाया था. जीतराई ने बच्चों को बताया कि कलाकार बनने के लिए सभी चीजों को ऑब्जर्व करना चाहिए और एक कलाकार को अपने अंदर हमेशा बचपन रखना चाहिए लिए, क्योंकि बचपन में ही हम सभी चीजों को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं और कोमल बने रहते हैं. उन्होंने प्रति दिवस योग के साथ-साथ बहुत सारी एक्टिविटीज करते हुए आपने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के बहुत सारे माजेदार किस्सो को साझा किया.
कार्यशाला समापन समारोह का आरंभ प्रशिक्षक एवं अतिथियों को गीता थिएटर की ओर से तुलसी पौधा प्रदान कर स्वागत किया गया.जिसके बाद स्वागत भाषण देते हुए गीता थिएटर के अध्यक्ष व सचिव ने कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य बताते हुए कहा कि जमशेदपुर शहर लोहा के साथ-साथ हुनर भी खजाना है.
नए युवाओं को थिएटर के प्रति आकर्षित करना एवं थिएटर के प्रति आज के युवा को जागरूक कर रंगमंच की बारीकियों से जोड़ना है जिससे वह अभिनय जगत से जुड़कर अपनी एवं शहर की पहचान बना सकते हैं. इस कार्यशाला के उपरांत कार्यशाला में सम्मिलित युवाओं को गीता थिएटर एवं डीडी एसोसिएशन के आगामी मंच नाटक ,लघु- विज्ञापन फिल्म तथा नुक्कड़ नाटक से जोड़कर उनके अभिनय कला को निखारते हुए उन्हें आर्थिक मजबूती देने का भी कार्य करेंगे।
कार्यक्रम के अंत में 5 दिवसीय अभिनय कार्यशाला में सम्मिलित होने के लिए प्रशिक्षक जीतराय हांसदा को संस्था की ओर से आभार पत्र तथा युवा प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट देते हुए कला के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
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