Delhi Jal Board Case: लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की परेशानियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। केजरीवाल को एक बार फिर से प्रवर्तन निदेशालय ने समन भेजा है। कथित शराब घोटाला केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस के बाद ईडी ने जल बोर्ड से जुड़े एक मामले में भी केजरीवाल को समन भेजा था, जिसके मुताबिक सोमवार 18 मार्च के दिन उन्हें ईडी के सामने पेश होना था। लेकिन, केजरीवाल ने ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर दिया।
क्या है जल बोर्ड घोटाला (Delhi Jal Board Case)
प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि दिल्ली जल बोर्ड का ठेका बढ़ी हुई दरों पर दिया गया, ताकि ठेकेदारों से रिश्वत वसूली जा सके। ठेके का मूल्य 38 करोड़ रुपए था और इस पर सिर्फ 17 करोड़ रुपए खर्च किए गए और शेष राशि गबन कर ली गई। इस तरह के फर्जी खर्च रिश्वत और चुनावी कोष के लिए किए गए थे। कथित तौर पर जल बोर्ड के पूर्व मुख्य अभियंता जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 38 करोड़ रुपए का ठेका दिया था।
ईडी ने दावा किया है कि डीजेबी द्वारा अनुबंध में भ्रष्टाचार के माध्यम से प्राप्त धन को कथित तौर पर दिल्ली में सत्तारूढ़ पार्टी आप को चुनावी फंड के रूप में भेजा गया था। फरवरी में ईडी ने इस जांच के तहत केजरीवाल के निजी सहायक, आप के एक राज्यसभा सदस्य, एक पूर्व डीजेबी सदस्य, एक चार्टर्ड अकाउंटेंट और अन्य के आवासों पर छापेमारी की थी।
ईडी के दफ्तर में पेश होने से किया मना
दिल्ली जल बोर्ड (DJB) से जुड़े मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल को ईडी ने एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित उसके कार्यालय में उपस्थित होने को कहा था। आम आदमी पार्टी ने साफ कहा है कि वह पेशी के लिए नहीं आएंगे, क्योंकि बाकी 8 समन की तरह यह समन भी गैरकानूनी है। आप सरकार की मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल आज ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। जब कोर्ट से जमानत दी जा चुकी है तो ED बार-बार समन क्यों भेज रही है? ईडी के समन अवैध हैं।
समन को बताया अवैध
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में CM केजरीवाल को भेजे गए समन को अवैध बताया है। AAP ने पूछा कि ED उन्हें बार-बार समन क्यों भेज रही है। इससे पहले यही कारण दिल्ली CM केजरीवाल शराब घोटाला मामले में भी देते आए हैं और पेश नहीं हुए हैं।
जल बोर्ड मामले में क्या है आरोप
दिल्ली जल बोर्ड के जिस मामले में CM केजरीवाल को समन भेजा गया है, उसमेंआरोप है कि ₹38 करोड़ का एक ठेका देने की एवज में रिश्वत ली गई। यह ठेका दिल्ली जल बोर्ड के मुख्य इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने NKG इंफ्रास्ट्रक्चर नाम की एक कंपनी को दिया था। आरोप है कि यह कंपनी यह ठेका पाने के लिए तकनीकी रूप से योग्य नहीं थी। इसके बाद भी ठेका दिया गया और इस बात की जानकारी अरोड़ा को भी थी।
ठेका देने की एवज में रिश्वत ली गई जो कि ऊपर तक पहुंचाई गई। यह भी आरोप है कि रिश्वत की धनराशि का उपयोग आम आदमी पार्टी की फंडिंग में भी किया गया।
CM केजरीवाल को कब-कब जारी हुए समन
बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले से संबंधित केस में भी ईडी का सामना कर रहे हैं। एजेंसी इस केस में उन्हें 9वीं बार समन भेज चुकी है और 21 मार्च को पेश होने के लिए कहा है। केंद्रीय एजेंसी ने इस केस में सीएम को 21 नवंबर, 3 जनवरी, 18 जनवरी, 2 फरवरी, 19 फरवरी, 26 फरवरी और 4 मार्च को समन जारी किया था।
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