नई दिल्ली : बाढ़, आग और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने में सरकारों और प्रशासन को जिस सबसे बड़ी चुनौती का सामना करना पड़ता है, वह है कम्युनिकेशन का फेल हो जाना, जिससे जरूरी और समय पर सहायता पहुंचाना मुश्किल हो जाता है। रिलायंस जियो ने इंडिया मोबाइल कांग्रेस-2023 में अपना ‘इमरजेंसी रिस्पॉस कम्युनिकेशन सिस्टम’ डिस्प्ले किया है, जिससे आपदाओं में फंसी जिंदगियों को बचाया जा सकेगा।
उपग्रह से कनेक्ट होगा ‘कम्युनिकेशन टॉवर ऑन व्हील’ होगा
जियो के ट्रू 5जी पर चलने वाला यह ‘इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम’ कई स्तरों पर कम्युनिकेशन का मजबूत करेगा। लोकल संचार व्यवस्था ठप हो जाने पर इस सिस्टम में उपग्रह से कनेक्ट ‘कम्युनिकेशन टॉवर ऑन व्हील’ होगा, जिसे कभी भी, कहीं भी और किसी भी स्थिति में तैनात किया जा सकता है।
जियो ने पावरफुल ऐप डिजाइन किया
सहायता पहुंचाने वाली टीमों के कमांड सेंटर के लिए, रिलायंस जियो ने ‘एक्सआर कंपेनियन’ नाम का एक पावरफुल ऐप डिजाइन किया है। यह ऐप अपनी सहायता टीमों से रियल टाइम कनेक्ट रहेगा। कमांड सेंटर में ऐप के जरिए वर्क डिस्ट्रीब्यूशन, टू-वे ऑडियो वीडियो कॉलिंग, इमरजेंसी एंबुलेंस कॉलिंग, टीम मूवमेंट, वर्क प्रोग्रेस रिपोर्ट पर रियल टाइम नजर रखी जा सकेगी। अभी इस ऐप में एक साथ करीब 20 टीमों को कनेक्ट किया जा सकता है। जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया भी जा सकता है।
दूर बैठे एनडीआरएफ की टीम ले सकेंगे जायाजा
दूर बैठे एनडीआरएफ या सहायता अधिकारी, 5जी कनेक्टेड ड्रोन के जरिए दुर्गम स्थानों में हुए नुकसान का जायजा ले सकेंगे। इसके अलावा सहायताकर्मी आपस में बातचीत के लिए वॉयस एक्टिवेटेड 5जी कनेक्टेड डिवाइस का इस्तेमाल करेंगे। हेलमेट पर माउंट हो जाने वाले इन 5जी डिवाइस में कैमरा, फ्लैश लाइट और लेजर बीम जैसी सुविधाएं हैं। ताकि मदद जल्द से जल्द पहुंचाई जा सके।
इस तरह सुरक्षित कम्युनिकेशन लेन बनेगा
आपदा के दौरान जियो डिजिटल कम्युनिकेशन हाईवे पर नेटवर्क स्लाइसिंग के जरिए एक अत्यधिक सुरक्षित कम्युनिकेशन लेन बनाएगा। ताकि आपदा संबंधित महत्वपूर्ण संचार आवश्यकताएं बिना किसी रुकावट के पूरी हो सकें। पुश-टू-टॉक, ड्रोन सर्विलांस, रियल-टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग, हाई-बैंडविड्थ एप्लीकेशन जैसी सुविधाएं बेहतर समन्वय और निर्णय लेने में मदद करेंगी।
बड़े उद्योगों में होने वाली दुर्घटनाओं में भी होगा उपयोगी
आपदा क्षेत्र में सबसे पहले उतरने वाली ‘राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDRF) को हाई स्पीड कनेक्टिविटी मिलती रहे, इस लक्ष्य को लेकर यह इमरजेंसी सिस्टम डिजाइन किया गया है। बड़े उद्योगों में होने वाली दुर्घटनाओं में भी यह सिस्टम उपयोगी हो सकता है। जियो ने यह इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम SES के साथ साझेदारी में बनाया है। आपदा चाहे कितनी भी भयानक हो, जियो का यह इमरजेंसी सिस्टम काम करता रहेगा।
प्राकृतिक आपदा में भी बंद नहीं होगा कम्युनिकेशन
प्राकृतिक आपदा को पूरी तरह रोका नहीं जा सकता परंतु उससे पैदा होने वाले नुकसान को कम जरूर किया जा सकता है। आपदा में सहायता समय पर पहुंचे इसके लिए जरूरी है कम्युनिकेशन और कम्युनिकेशन काम करता रहे यह बेहद अहम है। जियो का ‘इमरजेंसी रिस्पॉस कम्युनिकेशन सिस्टम’ आपदा में मजबूत कम्युनिकेशन का अभेद्य सॉल्युशन माना जा रहा है।
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यह भी जानें
– इमरजेंसी में कम्युनिकेशन के लिए जियो बनाएगा डिजिटल हाईवे पर अलग कम्युनिकेशन लेन
– पुश-टू-टॉक, ड्रोन सर्विलांस, रियल-टाइम वीडियो स्ट्रीमिंग जैसी सुविधाएं होंगी
– बड़े उद्योगों और NDRF की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है इमरजेंसी रिस्पॉंस कम्युनिकेशन सिस्टम।