सेंट्रल डेस्क। Ramdan 2024: सऊदी अरब में इस्लाम धर्म के दो सबसे पवित्र स्थल मक्का और मदीना हैं। हाल ही में सऊदी अरब की शाही हुकूमत ने देश की सभी मस्जिदों के भीतरी हिस्से और उसके कैंपस में इफ्तार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। पाबंदी की वजह मस्जिदों में गंदगी फैलाना बताया गया। हालांकि, सऊदी सरकार ने बड़ी चालाकी के साथ अपने फैसले का ऐलान किया है, जिसमें सीधे तौर पर पाबंदी की बात नहीं कही गई है।
एक ऐसी मस्जिद जहां लोग करते हैं वर्कआउअ
सऊदी हुकूमत का शाही फरमान एक ऐसे वक्त आया जब सऊदी अरब से करीब 3 हजार किमी दूर इस्तांबुल शहर की एक मस्जिद में एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई। जहां अब नमाज के बाद लोग अपनी शारीरिक सेहत का भी ख्याल रख रहे हैं। लोग शाम को नमाज के बाद वर्कआउट का खास सेशन करेंगे।
Ramdan 2024: लाखों मुस्लिम पहुंचते हैं मक्का-मदीना
सऊदी अरब और तुर्की दोनो ही इस्लामिक देश हैं। इस्लाम धर्म का सबसे पवित्र महीने यानी रमजान की शुरू हो चुका है। रमजान के महीने में दुनियाभर से लाखों मुसलमान सऊदी अरब के पवित्र शहर मक्का और मदीना जाते हैं और वहां की मस्जिदों में एतिकाफ यानी की रहना सोना और इबादत करते हैं।
Ramdan 2024: इमामों के चंदा इकट्ठा करने पर रोक
वही मंत्रालय ने इमामों और मुअज्जिनों को निर्देश दिया है कि इफ्तार के लिए चंदा इकट्ठा नहीं किया जाएगा और स्वच्छता बनाए रखने के लिए इफ्तार का आयोजन मस्जिद के अंदर या उसके कैंपस में नहीं किया जाना चाहिए। इफ्तार के लिए मस्जिद परिसर में किसी भी तरह का अस्थायी कमरा या तंबू भी नहीं बनाया जाना चाहिए। इफ्तार का आयोजन मस्जिद के बाद इमाम और मुअज्जिनों की देखरेख में होगा। इफ्तार के बाद स्थान की सफाई करना उसी जिस व्यक्ति ने इफ्तार का आयोजन किया है साफ़ सफाई उसकी ही जिम्मेदारी होगी।
Ramdan 2024: भारत में नहीं है ऐसा कोई फरमान
हालांकि भारत में इफ्तार को लेकर कोई सरकारी फरमान जारी नहीं हुआ है। अभी केवल सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद की आज्ञा से अरब की मस्जिदों के लिए शाही फरमान जारी हुआ है। एमबीएस के नए आदेशानुसार, रमजान के दौरान सऊदी अरब की मस्जिदों के अंदर इफ्तार पार्टी नहीं हो सकेगी। इसके साथ ही रोजा इफ्तार के नाम पर चंदा लेने पर भी रोक लगा दी गई है।
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