हरिद्वार/Char Dham Yatra: उत्तराखंड सरकार ने इस बार चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी है। चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू होने वाली है, जिसमें एक दिन में 15 हजार श्रद्धालु केदानाथ धाम, 16 हजार श्रद्धालु बद्रीनाथ धाम, 9 हजार श्रद्धालु यमुनोत्री तो, 11 हजार तीर्थ यात्री गंगोत्री का दर्शन कर सकेंगे। पिछले चारों तीर्थ स्थलों क्रमशः 60-60 हजार श्रद्धालु रोजाना दर्शन के लिए पहुंच रहे थे।
Char Dham Yatra: श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने के पीछे यह है कारण
चारधाम यात्रा 10 मई से शुरू होगी। इसके लिए अभी तक 19 लाख लोगों ने दर्शन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। पिछले साल दर्शन के लिए रिकार्ड 55 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे थे, जिससे तीर्थ स्थलों की व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। इसके कारण उत्तराखंड सरकार ने इस बार श्रद्धालुओं की संख्या सीमित कर दी है।
Char Dham Yatra: हिंदुओं की प्रमुख धार्मिक यात्रा है चार धाम
चार धाम यात्रा हिंदू धर्म की प्रमुख धार्मिक यात्रा है, जहां श्रद्धालु उत्तराखंड में चार पवित्र स्थलों की यात्रा कर भगवान की आराधना करते हैं। बद्रीनाथ, केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री को चार धाम स्थल कहा जाता है। यह यात्रा प्रतिवर्ष लाखों श्रद्धालुओं द्वारा की जाती है और हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है।
बद्रीनाथ : बद्रीनाथ नदी के किनारे पर स्थित है और भगवान विष्णु को समर्पित है। बद्रीनाथ में बसा बद्रीनाथ मंदिर, जो देवभूमि उत्तराखंड की एक प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थल है। यहां पर बद्रीनाथ धाम के साथ ही भगवान नारायण का मुख्य पंचतीर्थी आलय है। मंदिर का निर्माण पथरीली गुणवत्ता के शिलाओं से किया गया है और यह प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है।
केदारनाथ : केदारनाथ मंदिर हिमालय की प्रेरणादायक और शांतिपूर्ण पर्वत चोटियों के बीच स्थित है। केदारनाथ मंदिर एक प्राचीन मंदिर है, जो काशी केदार पहाड़ी के तलहटी में स्थित है। केदारनाथ मंदिर का निर्माण आदि शंकराचार्य द्वारा किया गया था और इसका महत्वपूर्ण भौतिक ढांचा उनकी द्वारा ही बनाया गया था। मंदिर की दीवारें ग्रंथियों, पत्थरों और लकड़ी के साथ बनाई गई हैं। यहां आने वाले श्रद्धालु भगवान शिव की कृपा को प्राप्त करते हैं।
यमुनोत्री : यमुनोत्री उत्तराखंड के गर्म कुंड जिले में स्थित है। यह स्थल यमुना नदी के स्रोत के रूप में माना जाता है। यमुनोत्री धाम चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यमुनोत्री के पास यमुना नदी का उद्गम स्थल है, जिसे सप्तरषि कुंड कहा जाता है। यह स्थल ग्लेशियरों से निकलने वाले गंगोत्री ग्लेशियर के निकट स्थित है। यमुनोत्री मंदिर मां यमुना को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर गंगोत्री से लगभग 13 किलोमीटर दूर है।
गंगोत्री : गंगोत्री उत्तराखंड राज्य के उत्तर कुमाऊं जिले में स्थित है। यह स्थल गंगा नदी के स्रोत के रूप में माना जाता है। गंगोत्री धाम चार धाम यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। गंगोत्री के पास गंगोत्री ग्लेशियर स्थित है, जो हिमालय के गर्म कुंड के निकट स्थित है। यह स्थल बद्रीनाथ और यमुनोत्री के बीच में स्थित है। गंगोत्री मंदिर गंगोत्री ग्लेशियर के निकट स्थित है और मां गंगा को समर्पित है। यह प्राचीन मंदिर गंगोत्री से लगभग 19 किलोमीटर दूर है।