स्पेशल डेस्क : विजयादशमी के साथ दशहरा बीत गया। अब हिन्दुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में एक दीपावली आनेवाली है। देश भर में हर्षोउल्लास के साथ यह प्रकाश का त्योहार मनाया जाता है जब हर ओर रोशनी ही रोशनी दिखाई देती है। उत्साह का एक अलग ही वातावरण इसमें नजर आता है। लोगबाग सबकुछ भूलकर इस त्योहार का आनंद अपने परिवार और उसके बाद दोस्तों के साथ उठाते हैं। हजारों दीपक जलाकर जहां रोशन किया जाता है। मिठाई और उपहारों की खरीदारी और घर-घर आदान-प्रदान का दौर चलता है। इसके साथ ही आजकल होली मिलन की तरह दीपावली मिलन के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने लगे हैं।
खुशियां मनाते हुए जिम्मेदारियों का भी रहे ध्यान
इस त्योहार के आनंद, उत्साह और मनोरंजन के बीच हम सभी को यह भी याद रखना होगा कि हमारे त्योहारों का पर्यावरण पर भी बड़ा प्रभाव होता है। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने त्योहारों को को कुछ इस तरह मनाएं कि परंपरा चलती रहे और प्रकृति को भी नुकसान नहीं पहुंचे। वैसे भी साफ-सफाई तो जीवन से जुउ हिस्सा है। इस दीपावली पर, हम सभी को यह सोचकर मनाना चाहिए कि हम कैसे पर्यावरण साथ लेकर स्वच्छ और सुरक्षित दीपावली मना सकते हैं।
दिल्ली के प्रदूषण से लें सबक, क्योंकि सांस है जरूरी
परीक्षणों से पता चला है कि अपने देश की राजधानी दिल्ली में सर्दियों के मौसम में प्रदूषण काफी बढ़ जाता है। सर्दी में 220 माइक्रोग्राम पीएम 2.5 की औसत मात्रा रहती थी। पिछले साल दीपावली के पटाखों के उत्सव के पूर्व यह लगभग 700 माइक्रोग्राम तक बढ़ गई थी। यह आश्चर्यजनक स्थिति थी। WHO (World Health Organisation) के 15 माइक्रोग्राम 24 घंटे मानदंड की सीमा के साथ तुलना करें तो यह 46 गुना ज्यादा रही थी।
दीपावली के साफ और सुरक्षित मनाने के लिए कुछ उपाय:
पर्यावरण के प्रति रखें सम्मान का भाव : दीपावली के दौरान हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि पटाखों के इस्तेमाल से हम पर्यावरण को कितना नुकसान पहुंचा सकते हैं। परंपरागत रूप से त्योहार मनाने के लिए पटाखें चलाएं लेकिन उनकी मात्रा और पटाखों की क्वालिटी को लेकर जरूर सचेत रहें।
अधिक रोशनी की आवश्यकता नहीं: हमें सोचना होगा कि क्या हमें वाकई इतनी अधिक रोशनी की आवश्यकता है, जितनी रोशनी की चकाचौंध नजर आती है। हम कम उर्जा खपत करने वाले पटाखे और दीपकों का चयन करके पर्यावरण को बचा सकते हैं।
पटाखों की सीमा का पालन करें: यदि हमें पटाखों का इस्तेमाल करना ही है, तो हमें सरकार द्वारा निर्धारित सीमा का पालन करना होगा। यह सुनिश्चित करेगा कि विशेषज्ञ और प्राकृतिक पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचे।
पटाखों के सबसे छोटे आकार भी अच्छे: हमें हमारे चुने गए पटाखों के आकार को ध्यान में रखना चाहिए। बड़े पटाखों के इस्तेमाल से आकाश और जमीन पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचने की अधिक आशंका रहती है।
त्योहार के बाद सफाई का ध्यान रखें: त्योहार के बाद, हमें अपने प्रदूषण को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता अभियान में भाग ले। दीपावली के दौरान, हमें विशेष ध्यान देना चाहिए कि हम कैसे प्रदूषण को कम कर सकते हैं। पटाखों का अधिक इस्तेमाल न करें और अधिक वनस्पतियों का पौधों और पेड़-पौधों का संरक्षण करें।
पौधे रोपें, पर्यावरण बचाएं: दीपावली के मौके पर हम पौधारोपण भी कर सकते हैं। यह वर्तमान और आनेवाले साल के लिए भी अच्छा रहेगा। हम नए पेड़ों को अपने घरों और आस-पास की जगहों पर लगाने के साथ ही पेड़ों की सुरक्षा और बचाव के लिए भी योजना बना सकते हैं।
शोर और प्रदूषण को कम करने में योगदान करें
अधिक ध्वनि और प्रदूषण से बचाव के लिए हमें अपना योगदान देना चाहिए। आपके घर के बाहर कुछ छोटे पर्वलेख्य कदमों द्वारा शोर और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है।
दीपावली के त्योहार को पर्यावरण के साथ एक सुरक्षित और स्वच्छ दिन बनाने का साहस देने के लिए हमें साथ मिलकर काम करना होगा। इस त्योहार के मौके पर हम सभी को प्रदूषण और अपाय को कम करने का निर्णय लेना होगा, जिससे हमारा पर्यावरण बच सकता है और हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वस्थ और सुरक्षित हो सकता है।