नई दिल्ली :Buddha Purnima 2024: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा का व्रत और स्नान-दान भी होता है। इस दिन का महत्व हिंदू और बौद्ध दोनों धर्मों के लिए बहुत ही बड़ा है। इस साल की बुद्ध पूर्णिमा के दिन 3 शुभ योग तो बन ही रहे हैं, साथ ही उस दिन स्वर्ग की भद्रा भी है।
वहीं, आपको बता दें कि यह पवित्र दिन सिद्धार्थ गौतम के जन्म का जश्न मनाता है, जो संस्थापक हैं बौद्ध धर्म। बुद्ध पूर्णिमा बौद्धों के लिए बुद्ध की शिक्षाओं पर विचार करने का समय है, जो ध्यान, करुणा और सही जीवन के अभ्यास के माध्यम से दुख को समाप्त करने के मार्ग पर जोर देती है। बुद्ध के संदेश की भावना को जीवित रखते हुए दकई लोग प्रार्थनाओं, ध्यान सत्रों और दान के कार्यों में भी भाग लेते हैं।
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा 2024
पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा तिथि 22 मई यानी बुधवार की शाम को 06 बजकर 48 मिनट से शुरू होगी, जो अगले दिन यानी 23 मई, गुरुवार की शाम 07 बजकर 22 मिनट तक रहेगी। वहीं, इस तरह वैशाख मास की पूर्णिमा का संयोग 22 और 23 मई दोनों ही दिन बन रहा है।
बुद्ध पूर्णिमा पर बन रहे तीन शुभ योग और भद्रा
बुद्ध पूर्णिमा के दिन परिघ योग, शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। वही उस दिन भद्रा सुबह 05:26 से 07:09 तक है, लेकिन इसका वास स्वर्ग में है, इसलिए कोई दुष्प्रभाव धरती पर नहीं होगा।
क्या है बुद्ध पूर्णिमा का महत्व?
बौद्ध धर्म में बुद्ध पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस तिथि का भगवान बुद्ध के जीवन से गहरा जुड़ाव है। इस तिथि पर उनका जन्म हुआ था और वैशाख पूर्णिमा पर ही कुशीनगर में उनका देहावसान हुआ था। बोधगया में वैशाख पूर्णिमा के दिन उनको ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। यह तिथि भगवान बुद्ध के जीवन, मरण और ज्ञान प्राप्ति से जुड़ी है।