कोलकाता-आसनसोल/Shatrughan Vs Pawan Singh: पश्चिम बंगाल के आसनसोल लोकसभा सीट से भाजपा ने भोजपुरी स्टार पवन सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। पवन सिंह का मुकाबला तृणमूल कांग्रेस के मौजूदा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा से होगा। दोनों ही बिहारी हैं। तृणमूल के गढ़ माने जाने वाली इस सीट पर तीन लक्ष्य को निशाने पर रखकर भाजपा ने पवन सिंह को उम्मीदवार बनाया है।
इनमें यहां बड़ी संख्या में रहने वाले बिहारी मतदाता, भोजपुरी का इनका पर व्यापक प्रभाव और भाजपा की ओर झुकाव वाला मारवाड़ी वोट बैंक शामिल है। दरअसल पवन सिंह के चुनाव लड़ने से आसनसोल लोकसभा सीट पर मुकाबला रोचक हो गया है। पवन सिंह और शत्रुघ्न सिन्हा के बीच कांटे की टक्कर का होने की उम्मीद है। पवन सिंह के चुनाव लड़ने से पश्चिम बंगाल की यह.सीट हॉट सीट हो गई है। भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से आने वाले वह चौथे फिल्म अभिनेता हैं, जिन पर भाजपा ने भरोसा जताया है।
कौन हैं पवन सिंह?
पवन सिंह भोजपुरी फिल्मों और गीतों सुपरस्टार माने जाते हैं । उनका जन्म 5 जून 1981 को बिहार के आरा में हुआ था। उन्होंने 2007 में भोजपुरी फिल्म “रंगबाज” से अभिनय की शुरुआत की थी । पवन सिंह ने कई हिट भोजपुरी फिल्में और गाने दिए हैं। उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्मों में “लोहा सिंह”, “तेरे नाम”, “बैरी पिया”, “सत्या”, और “दबंग सरकार” शामिल हैं।
पवन सिंह के चुनाव मैदान में उतरने से भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री में रोमांच का माहौल है। कई भोजपुरी कलाकारों ने पवन सिंह को शुभकामनाएं दी हैं। पवन सिंह के चुनाव मैदान में उतरने का असर भोजपुरी भाषा और संस्कृति को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद से जोड़कर देखा जा रहा है ।
पवन सिंह की लोकप्रियता सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि बंगाल में भी उतना ही है। भाजपा उनके इस पहचान को भुनने की तैयारी में है। आसनसोल लोकसभा सीट पर भोजपुरी मतदाताओं की अच्छी संख्या है । भाजपा का यह मानना है कि पवन सिंह बिहारी मतदाताओं को आकर्षित कर सकेंगे। इस तरह वह परंपरागत तृणमूल की सीट पर सेंध लगाने में कामयाब होगी।
Shatrughan Vs Pawan Singh : आसनसोल सीट पर बिहारी उम्मीदवार के पीछे कई कारण
भारी बिहारी मतदाता: आसनसोल लोकसभा क्षेत्र में 40% से अधिक मतदाता बिहारी मूल के हैं। इनमें से अधिकांश लोग मजदूर और कामगार वर्ग के हैं।
भोजपुरी भाषा का प्रभाव: आसनसोल में भोजपुरी भाषा का व्यापक रूप से इस्तेमाल होता है। पवन सिंह एक लोकप्रिय भोजपुरी अभिनेता और गायक हैं। वह मतदाताओं के बीच काफी लोकप्रिय हैं।
मारवाड़ी वोट बैंक: आसनसोल में मारवाड़ी समुदाय का भी एक बड़ा वोट बैंक है। यह समुदाय व्यापारिक वर्ग से जुड़ा हुआ है और अक्सर भाजपा को समर्थन देता है।
शत्रुघ्न सिन्हा को मिलेगी कड़ी टक्कर
भाजपा छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने के बाद हिंदी फिल्मों के बड़े अभिनेता रहे शत्रुघ्न सिन्हा को पिछले लोकसभा उपचुनाव में टीएमसी ने अपना उम्मीदवार बनाया था। वह भारी मतों से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। चुनाव में एक तरह से उन्हें क्लीन स्वीप मिल गया था।
भाजपा की कोशिश है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा को मजबूत चुनौती मिल सके। लिहाजा शत्रुघ्न सिन्हा के बिहारी फैक्टर के मुकाबले पवन सिंह के बिहारी होने, भोजपुरी भाषी होने और फिल्म अभिनेता होने का जवाब देने का प्रयास किया गया है।
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