बाराबंकी : Rahul Rally Canceled in Barabanki : उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में शनिवार को यानी 18 मई को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की रैली होनी थी, लेकिन अंतिम समय में उनकी रैली कैंसिल हो गई और वे पहुंच नहीं सके। इसे लेकर भी सियासी सरगर्मी बढ़ गई है।
रैली में राहुल गांधी के नहीं पहुंचने से उनकी जगह छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Former Chief Minister of Chhattisgarh Bhupesh Baghel) ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान भूपेश बघेल ने इसके लिए वहां की सरकार व जिला प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया। भूपेश बघेल ने कहा कि राहुल गांधी से भाजपा डर गई है, इसलिए उनके हेलिकॉप्टर लैंडिंग की परमिशन नहीं दी। हालांकि, उनके इस बयान को जिला प्रशासन ने खारिज कर दिया है।
Rahul Rally Canceled in Barabanki : जिला प्रशासन ने क्या कहा?
इस बढ़ते मामले को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्थिति को स्पष्ट किया है। डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सत्येंद्र कुमार ने कहा कि इसमें जिला प्रशासन कहीं दोषी नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी तनुज पुनिया ने जो पत्र लिखा था, उसमें राहुल गांधी के न आने का कारण अत्यंत आवश्यक कार्य बताया था। उनकी जगह रैली में भूपेश बघेल के आने की ही बात लिखी थी।
Rahul Rally Canceled in Barabanki : बाराबंकी से कांग्रेस ने तनुज पुनिया को मैदान में उतारा
बाराबंकी से कांग्रेस ने तनुज पुनिया को मैदान में उतारा है। उनके समर्थन में बाराबंकी के कोठी हैदरगढ़ क्षेत्र में रैली आयोजित की गई थी, जिसमें राहुल गांधी को शामिल होना था, लेकिन अंतिम समय पर वे शामिल नहीं हुए। इस दौरान छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल गांधी का संदेश पढ़कर सुनाया। उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में राहुल गांधी और अखिलेश यादव दोनों मिलकर जो रैलियां कर रहे हैं, उससे शहंशाह घबरा गए हैं। रैली करने की परमिशन नहीं दे रहे हैं।
Rahul Rally Canceled in Barabanki : यूपी में 79 सीटों पर भाजपा हार रही है, सिर्फ क्योटो में लड़ाई
भूपेश बघेल ने कहा कि इस चुनाव में भाजपा की हार निश्चित है। यूपी में भाजपा सिर्फ एक सीट क्योटो (वाराणसी) पर टक्कर दे सकती है। बाकी 79 सीटों पर हार निश्चित है। सभी सीटों पर इंडिया गठबंधन का कब्जा होगा। सपा नेता अरविंद सिंह गोप ने कहा कि चार जून को भाजपा की विदाई तय है।
यहां बता दें कि भूपेश बघेल ने वाराणसी को क्योटो की उपमा इसलिए दी, क्योंकि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को जापान के क्योटो शहर की तरह बनाने का वादा किया था। यही नहीं, उस समय जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच इसके लिए एक करार हुआ था, जिसे क्योटो-वाराणसी समझौता कहा जाता है।
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