Pashupati Paras Resigns: बिहार में चाचा बनाम भतीजे की लड़ाई शुरू हो गई है। चिराग के चाचा पशुपति पारस ने लोकसभा की सीट नहीं मिलने पर केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने फिलहाल इसका ऐलान नहीं किया कि वह एनडीए का हिस्सा रहेंगे या नहीं लेकिन। उन्हें विपक्षी गठबंधन की तरफ से ऑफर मिल रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिया इस्तीफा (Pashupati Paras Resigns)
राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस केंद्र में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज विभाग के मंत्री थे। हालांकि, उनकी पार्टी को एनडीए गठबंधन में लोकसभा की सीट से महरूम रहना पड़ा। इसके एक दिन बाद दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एनडीए की सीट शेयरिंग में खाली हाथ रहने के बाद RLJP चीफ पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा,’मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई। हमें एक भी सीट नहीं दी गई।’
किस बात की है नाराजगी
बता दें कि पशुपति पारस सीट शेयरिंग में चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) को 5 लोकसभा सीटें मिलने से नाराज हैं। उन्हें सबसे बड़ी नाराजगी इस बात की है कि उनकी पार्टी को एक भी सीट नहीं दी गई। साथ ही सीट शेयरिंग की घोषणा से पहले उनसे बात तक नहीं की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पशुपति पारस ने सिर्फ अपनी बात रखी। उन्होंने मीडिया के किसी भी सवाल का जवाब नहीं दिया।
सधे हुए शब्दों में पारस ने अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि नाइंसाफी हुई, इसलिए इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने कहा, “भविष्य की राजनीति के लिए पार्टी के जितने भी नेतागण हैं, उनके साथ बैठक कर चर्चा करेंगे। बिहार में लोकसभा की 40 सीटों की घोषणा कल एनडीए ने कर दी है। मेरी पार्टी के साथ न्याय नहीं हुआ।”
मीडिया को नहीं दिया कोई जवाब
पारस की एनडीए में सीटों को लेकर क्यों बात नहीं बनी, इसको लेकर उन्होंने कोई बयान नहीं दिया। महज 2 मिनट से भी कम समय में उन्होंने अपनी बात कही और पत्रकारों के सवाल का जवाब दिए बगैर ही निकल गए। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए पशुपति कुमार पारस ने कहा कि मैंने बिहार में सीटों को लेकर इंतजार किया। कल सीटों को लेकर घोषणा हो गई।
मैंने ईमानदारी के साथ एनडीए की सेवा की। मैं पीएम का शुक्रगुजार हूं। मैं कैबिनेट मंत्री से त्याग पत्र देता हूं। पारस किस खेमे का रूख करेंगे, इसको लेकर उन्होंने कुछ नहीं कहा।
चिराग पासवान ने दिया बयान
इसी बीच एलजेपीआर के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा, “जब कोई बड़ा गठबंधन बनता है, तो हर दल को छोटे-मोटे समझौते करने पड़ते हैं, थोड़ी बहुत कुर्बानियां हर किसी को देनी पड़ती है। मुझे भी अपनी एक सीट कम करनी पड़ी, वे हमने सहजता से किया। जदयू ने भी अपनी एक सीट कम की। बीजेपी ने तो 2019 से ही कुर्बानी दी है। पार्टी के द्वारा जो मुझे जानकारी मिल रही है, तो कहीं ना कहीं मैं हाजीपुर से चुनाव लड़ूंगा। हमें (NDA) 2019 से भी बहुत ज्यादा बड़ी जीत 2024 में मिलेगी।”
राजनीति में भजन कीर्तन करने नहीं आए
इससे पहले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्रवण अग्रवाल ने कहा कि हमारी पीठ में छूरा घोंपा गया है। हमारे साथ अन्याय हुआ है। आरजेडी से संपर्क में होने के सवाल पर पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि हमलोग राजनीति में भजन कीर्तन करने नहीं आए हैं।
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