Pappu Yadav: पप्पू यादव बुधवार को कांग्रेस में शामिल हो गए। इसको लेकर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश सिंह के नाराज होने की बात कही जा रही थी। वहीं, नाराजगी के सवाल पर गुरुवार को अखिलेश सिंह ने कहा कि जो लोग आए हैं, कांग्रेस को मजबूत करें। उन्होंने कहा कि किसी के आने से मुझे कोई नाराजगी नहीं है। प्रदेश के प्रमुख के रूप में मेरी चाहत है कि अधिक से अधिक लोग हमसे जुड़ें ।
पप्पू यादव के कांग्रेस में शामिल होने के बाद कहा जा रहा था कि अखिलेश सिंह नाराज हैं। पप्पू यादव की पार्टी के विलय के समय बिहार कांग्रेस अध्यक्ष अखिलेश सिंह की अनुपस्थिति साफ नजर आई। बिहार कांग्रेस ने बताया कि बाहुबली से राजनेता बने पप्पू यादव को शामिल करने के फैसले को पार्टी आलाकमान ने राज्य नेतृत्व को बिना बताए और सलाह किए बगैर मंजूरी दे दी थी। इसको लेकर अखिलेश सिंह की नाराजगी की बात कही जा रही थी। हालांकि इस सवाल पर उन्होंने आज अपना रुख स्पष्ट कर दिया।
वहीं लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बुधवार को बिहार की राजनीति में एक बड़ी हलचल हुई। राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने अपनी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया है। कांग्रेस हेडक्वार्टर में उन्होंने कांग्रेस मीडिया के अध्यक्ष पवन खेड़ा समेत अन्य नेताओं की मौजूदगी में इसकी घोषणा की। वहीं अब पप्पू यादव की एंट्री महागठबंधन में हो गई है। पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी का कांग्रेस में विलय हो गया है। इससे पहले जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव मंगलवार की रात आरजेडी प्रमुख लालू यादव और तेजस्वी यादव से राबड़ी आवास में मुलाकात की थी और अपनी इच्छा बताई थी।
बिहार में कांग्रेस नेताओं के एक वर्ग का ये भी मानना है कि पप्पू यादव के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से कोई खास लाभ मिलने की संभावना नहीं है। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं को लगता है कि इसका उल्टा असर हो सकता है। कांग्रेस और आरजेडी आगामी लोकसभा चुनावों में बीजेपी-जेडीयू की ताकत का मुकाबला करने और दोहरे अंकों में सीटें जीतने की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन 2019 के चुनावों में भी इसी तरह की स्थिति हुई थी, जिससे इस बार भी कोई बड़ा उलटफेर होने की संभावना बहुत कम लगती है।
READ ALSO: सोरेन परिवार के सदस्यों की सुरक्षा बढ़ाई गई, सीता सोरेन को मिली z+ कैटेगरी की सुरक्षा