लखनऊ : mayawati sack akash anand : बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मंगलवार को एक बड़ा एलान किया। उन्होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी और पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक दोनों पद से हटा दिया है। इसके साथ ही उन्हें अपरिपक्व करार दिया है। दोनों पदों से हटाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है। अब सवाल उठ रहे हैं कि चुनाव के बीच बसपा में इस बड़े फेरबदल का क्या कारण है। आकाश आनंद को जब लॉन्च किया गया था, तो खासकर यूपी में तो उन्हें काफी अटेंशन मिल रही थी।
वहीं, इस पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने मायावती के फैसले को बसपा का आंतरिक मामला करार दिया है, लेकिन सपा प्रमुख ने बसपा में हो रहे फेरबदल की वजह का जिक्र किया है। उनका दावा है कि लोकसभा चुनाव में मायावती को एक भी सीट नहीं मिलने वाली है।
अखिलेश यादव ने ये भी कहा कि बसपा ने अपने संगठन में बड़े बदलाव का जो भी कदम उठाया है, वो उनकी पार्टी का आंतरिक मामला है। दरअसल इसके पीछे असली कारण ये है कि बसपा को एक भी सीट मिलती हुई नहीं दिख रही है, क्योंकि उसके अधिकांश परंपरागत समर्थक भी इस बार संविधान और आरक्षण को बचाने के लिए इंडिया गठबंधन को ही वोट दे रहे हैं।
इस बात को बसपा अपने संगठन की विफलता के रूप में ले रही है, इसलिए उनका शीर्ष नेतृत्व संगठन में इतना बड़ा फेरबदल कर रहा है, लेकिन अब बाजी बसपा के हाथ से निकल चुकी है।
mayawati sack akash anand :अखिलेश का कहना मायावती के पास तीन चरणों में एक भी सीट नहीं
अखिलेश ने कहा कि सच तो ये है कि पिछले तीन चरणों में जब बसपा के प्रभाव क्षेत्र में उनको एक भी सीट नहीं आ रही है, तो फिर बाकी के चार चरणों में तो कोई संभावना बचती ही नहीं है।
ऐसे में हम सभी वोटरों से अपील करते हैं कि आप अपना वोट खराब न करें और बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बचाने के लिए सामने से लड़ रहे इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को वोट देकर जिताएं और संविधान के संग आरक्षण भी बचाएं।
दरअसल, मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को बसपा के अहम पदों से हटा दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा कि पार्टी में अन्य लोगों को आगे बढ़ाने के साथ ही आकाश आनंद को नेशनल कोऑर्डिनेटर और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था, लेकिन पार्टी व मूवमेंट के व्यापक हित में पूर्ण परिपक्वता आने तक अभी उन्हें इन दोनों अहम जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है।
आकाश आनंद पर क्यों की गई कार्रवाई
सीतापुर में 28 अप्रैल को जनसभा के दौरान आकाश आनंद के एक बयान के बाद उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद वो पार्टी के किसी कार्यक्रम में नजर नहीं आए थे। एफआईआर दर्ज होने के बाद मायावती ने उन्हें प्रचार से हटा दिया और अब पार्टी में उन्हें सभी पदों से हटा दिया। उत्तराधिकारी पद से भी चलता कर दिया। आकाश आनंद बसपा में बने रहेंगे, लेकिन फिलहाल उनके पास कोई पद नहीं रहेगा।
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