सेंट्रल डेस्क। Liquor Policy Case: शराब घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को आज 17 मार्च को दो समन जारी किए हैं। एक समन शराब नीति से जुड़ा हुआ है, वहीं दूसरा दिल्ली जलबोर्ड से जुड़ा है। दिल्ली शराब नीति मामले में उन्हें नौवीं बार समन भेजकर 21 मार्च को पूछताछ के लिए बुलाया है। इस मामले में ईडी (ED) उन्हें अब तक 8 समन भेज चुकी है। हालांकि, वे एक बार भी पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बार भी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पूछताछ के लिए ईडी के समक्ष पेश होते हैं या नहीं।
ED ने केजरीवाल को कब-कब भेजा समन?
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल को पहला समन 2 नवंबर 2023 को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल दूसरा समन 21 नवंबर 2023 को भेजा
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल तीसरा समन 3 जनवरी को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल चौथा समन 18 जनवरी को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल पाचंवां समन 2 फरवरी को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल छठा समन 19 फरवरी को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल सातवां समन 26 फरवरी को भेजा था
- ईडी ने सीएम अरविंद केजरीवाल आठवां समन 4 मार्च को भेजा था
ED को गिरफ्तारी का अधिकार
सीएम केजरीवाल के बार-बार पेश नहीं होने पर ईडी उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी कर सकती है। उसके बाद भी पेश नहीं हुए तो धारा 45 के तहत गैर जमानती वारंट जारी कर सकती है। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के जानकार बताते हैं कि पेश नहीं हो पाने की ठोस वजह बताई जाती है तो ईडी समय दे सकती है। फिर दोबारा नोटिस जारी करती है। पीएमएलए (PMLA) में नोटिस की बार-बार अवहेलना पर गिरफ्तारी हो सकती है। अगर सीएम केजरीवाल आगे भी पेश नहीं होते हैं तो जांच अधिकारी आवास पर जाकर पूछताछ कर सकते हैं। ठोस सबूत होने पर या सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं। वहीं, केजरीवाल वारंट जारी होने के बाद कोर्ट जा सकते हैं और अपने एडवोकेट की मौजूदगी में जांच में सहयोग करने का वादा कर सकते हैं। इस पर कोर्ट ईडी को उन्हें गिरफ्तार नहीं करने का निर्देश दे सकता है।
कल राउज एवेन्यू कोर्ट ने दी थी राहत
ईडी समन की अनदेखी को लेकर अदालत में दो बार याचिकाएं भी दायर कर चुकी है। कल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में केजरीवाल पेश भी हुए, जहां अदालत ने उन्हें नियमित पेशी से राहत देते हुए जमानत दे दी। इसके अगले ही दिन ईडी ने फिर केजरीवाल को समन भेज दिया है।
‘केजरीवाल को जेल भेजना चाहती है बीजेपी’
ईडी के समन भेजने के बाद दिल्ली की मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि ये मामला कोर्ट में है। अब इस मामले में कानूनी बहस शुरू होगी कि केजरीवाल को भेजे गए समन संवैधानिक हैं या गैर कानूनी। कल अदालत ने केजरीवाल को जमानत देकर बीजेपी वालों का मुंह बंद कर दिया था। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने ये चाहते हैं कि कैसे भी केजरीवाल को चुनाव कैंपेन नहीं करने दिया जाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी चुनाव से पहले केजरीवाल को जेल में भेजना चाहती है।
केजरीवाल ने कहा- ‘ED, CBI मोदी के गुंडे बनकर रह गये है’
आतिशी ने मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मोदी सरकार अदालत के फैसले का भी इंतजार नहीं कर सकती। कल अदालत ने केजरीवाल को जमानत दी, लेकिन शाम तक केजरीवाल को दो नए समन भेज दिए। उन्होंने कहा कि ईडी, सीबीआई और इनकम टैक्स मोदी के गुंडे बनकर रह गए हैं। मोदी अपने गुंडों के माध्यम से चुनाव से पहले केजरीवाल को गिरफ्तार करने की कोशिश कर रहे हैं।
बता दें, सीबाआई (CBI) ने जुलाई 2022 में बोर्ड की टेंडर प्रोसेस में भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के मामले में FIR दर्ज की थी। सीबीआई के एफआईआर को आधार बनाकर ईडी ने दिल्ली जल बोर्ड की टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं के दो अलग-अलग मामलों की जांच शुरू की थी।
पहला मामला
सीबाआई (CBI) की एफआईआर (FIR) में आरोप लगाया गया था कि दिल्ली जल बोर्ड के तत्कालीन चीफ इंजीनियर जगदीश कुमार अरोड़ा ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को करीब 38 करोड़ रुपए में इलेक्ट्रोमैग्नेटिक फ्लो मीटर के इंस्टॉलेशन, सप्लाई और टेस्टिंग का टेंडर जारी किया था। जुलाई 2023 में ईडी ने दिल्ली-एनसीआर, केरल और तमिलनाडु में दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारी और कुछ निजी संस्थाओं के अधिकारियों के 16 ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी ने 24 जुलाई 2023 और 17 नवंबर 2023 को सर्च ऑपरेशन चलाया, जिसमें कई अहम दस्तावेज और सबूत जब्त किए। इस दौरान पता चला कि जो काम एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को दिया गया, वह उसके लिए टेक्निकल एलिजिबिलिटी को पूरा नहीं करती थी। एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने फर्जी डॉक्यूमेंट्स बनाकर टेंडर हासिल की। जगदीश कुमार अरोड़ा को इसकी जानकारी थी। ईडी की जांच में सामने आया कि टेंडर मिलने के बाद एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्चर ने अनिल कुमार अग्रवाल की कंपनी इंटीग्रल स्क्रूज लिमिटेड को भी भागीदार बनाया। अनिल कुमार अग्रवाल ने इसके बदले जगदीश कुमार अरोड़ा को कैश और बैंक खातों में लगभग 3 करोड़ रुपए दिए। कुछ कैश जगदीश कुमार अरोड़ा के एक करीबी को भी मिला। ईडी को जगदीश कुमार अरोड़ा की कई बेनामी संपत्तियों की जानकारी भी मिली, जो जगदीश अरोड़ा अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट की मदद से मैनेज कर रहा था।
दूसरा मामला
दिल्ली जल बोर्ड के बिल पेमेंट के भुगतान के लिए जगह-जगह ऑटोमैटिक मशीन लगाई जानी थी। मशीन लगाई भी गई और बिल के भुगतान भी हुए, लेकिन ये पैसा दिल्ली जल बोर्ड के अकाउंट में कभी जमा नहीं हुआ। मेसर्स फ्रेशपे आईटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड और मैसर्स ऑरम ई-पेमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को पहले 3 साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। समय-समय पर कॉन्ट्रैक्ट बढ़ाया गया। इसके बावजूद कंपनी की तरफ से जल बोर्ड को कभी पेमेंट नहीं दिया गया। जांच में ये भी सामने आया कि नोटबंदी के दौरान करीब 10 करोड़ 40 लाख का पेमेंट एक साथ किया ग,या लेकिन वो भी जल बोर्ड तक नहीं पहुंचा। इस मामले में जल बोर्ड को करीब 14 करोड़ 41 लाख का घाटा हुआ। ये पैसा अभी भी कंपनी के पास बकाया है। इंटरपूल एक्सचेंज के तहत केजरीवाल के पर्सनल सेक्रेटरी बिभव कुमार को दिल्ली जल बोर्ड का बंगला दिया गया था, जबकि वो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं। इस मामले में 2023 में विजिलेंस ने पूछताछ शुरू की थी।