नई दिल्ली/ Kunwar Singh Jayanti: नई दिल्ली स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में मंगलवार को वीर कुंवर सिंह फाउंडेशन द्वारा प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक वीर कुंवर सिंह का विजयोत्सव समारोह मनाया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि वीर कुंवर सिंह श्रीवीर इसलिए थे कि कुंवर सिंह जन-जन के नेता थे। 1857 की क्रांति में हजारों नहीं लाखों भारतीय शहीद हुए, लेकिन यह भी सच है कि कुंवर सिंह से अंग्रेज खौफ खाते थे। कुंवर सिंह की जनश्रुति सुन कर ही अंग्रेज डर जाते थे। अश्विनी चौबे ने इस अवसर पर मंगल पांडे को भी याद किया। आइएएस रश्मि सिंह ने कहा कि वीर कुंवर सिंह ही नहीं, बल्कि वीर कुंवर सिंह फाउंडेशन भी अब इस रूप में ऐतिहासिक होता जा रहा है कि वह 1857 की क्रांति की चेतना को जगाए हुए है।
वीर कुंवर सिंह फाउंडेशन के अध्यक्ष निर्मल कुमार सिंह ने कहा कि आज देश को सबसे ज्यादा खतरा स्मृति दोष का है। यह देश मनोरंजन प्रधान देश होता जा रहा है। सोशल मीडिया और रील्स के दौर में हमारे पूर्वजों के संघर्ष एवं बलिदानों का स्मृति लोप हो रहा है। स्मृति विहीन राष्ट्र ठोस भविष्य नहीं बना सकता।
हम वीर कुंवर सिंह विजयोत्सव के माध्यम से 1857 के बलिदानियों,नायकों, किसानों,किसान पुत्र सिपाहियों के संघर्ष एवम बलिदान की नई यादों को बचाते हुए राष्ट्र के भविष्य को भी बचा रहे हैं। इसलिए यह आयोजन वर्तमान एवं भावी पीढ़ी को प्रेरणा देने हेतु उन सभी नायकों के संघर्ष और बलिदान को श्रद्धांजलि देते हैं। क्योंकि हमारा मानना है कि जो पीढ़ी अपनी संस्कृति,अपने बाप दादा पुरखों की इज्जत एवं रक्षा नहीं करती, वह पीढ़ी मिट जाती है।
कार्यक्रम में रामकृष्ण मिशन के स्वामी सर्वलोकानंदजी, जम्मू कश्मीर में पदस्थापित आईएएस रश्मि सिंह,साहित्यकार कुमार नरेंद्र सिंह, आईसीसीआर के महानिदेशक कुमार तुहिन, प्रोफेसर मुन्ना पांडे ने अपने विचार व्यक्त किए। इस दौरान कार्यक्रम में प्रदीप पांडेय, अश्वनी सिंह, कुंवर जितेंद्र सिंह, राकेश परमार, एसएन सिंह, केबी सिंह आदि मौजूद रहे।
READ ALSO : झारखंड में औद्योगिक विकास के लिए सौर ऊर्जा नीति में बदलाव किया जाए : महेश पोद्दार