जासं, जमशेदपुर/Kunal Sarangi BJP: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। बहरागोड़ा के पूर्व विधायक कुणाल षाड़ंगी ने उस समय इस्तीफा दिया, जब प्रधानमंत्री घाटशिला में चुनावी जनसभा को संबोधित करने आए थे। शायद इसी वजह से उनका इस्तीफा सुर्खियों में आ गया। इस संबंध में लिखे गए त्याग-पत्र को उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (ट्विटर हैंडल ) पर पोस्ट किया।
बिष्टुपुर स्थित होटल सेंटर प्वाइंट में रविवार शाम संवाददाता सम्मेलन में कुणाल ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को लिखे गए त्यागपत्र में उन्होंने लिखा है कि पिछले छह महीने से उन्हें साजिशन पार्टी के कार्यक्रमों से दूर रखकर अपमानित किया जा रहा था। इस संबंध में समय-समय पर उन्होंने प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश प्रभारी को सूचित भी किया था। फिर भी, कोई संज्ञान न लिए जाने पर वे आहत होकर ये कदम उठा रहे हैं।
कुणाल ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा उनके गृह जिले में थी, इसके बावजूद उन्हें कोई बुलावा नहीं आया। वर्ष 2019 के चुनाव में जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास एवं पार्टी प्रत्याशी के विरोध में जिसने-जिसने कार्य किया, उन सब नेताओं को मंच पर जगह दी गई। इन नेताओं को लेकर कोई कार्रवाई प्रदेश भाजपा की ओर से अब तक नहीं की गई। उल्टे स्थानीय कार्यकर्ताओं को अपमानित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चंद लोगों ने पार्टी को हाइजैक कर लिया है।
बहुत दुखी मन से उन्होंने यह कदम उठाया है। उनके जैसे युवा कार्यकर्ता को पार्टी फोरम में नेताओं के विरूद्ध बोलने की सजा मिली है, जबकि कई ऐसे नेताओं को टिकट दिया गया, जिनके विरूद्ध कई मामले दर्ज हैं। उन्होंने पूर्वी सिंहभूम में भाजपा की अंदरूनी स्थिति को उजागर करते हुए कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को सम्मान न देना एक बड़ी भूल है। इसी का परिणाम है कि बीती रात को भाजपा के चुनावी कार्यालय में जमकर हंगामा और मारपीट हुई थी।
Kunal Sarangi BJP: पद छोड़ा है, पार्टी नहीं, सक्रिय रहूंगा
मैंने लाखों की सैलरी वाली नौकरी छोड़कर जनसेवा के उद्देश्य से भाजपा ज्वाइन किया था, पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी के लिए काम किया, लेकिन संगठन के अंदर कुछ लोग हैं, जो एक समानांतर व्यवस्था चला रहे हैं। ऐसे लोगों ने मेरे साथ राजनीति की। इससे मैं और मेरे समर्थक दुखी आज पार्टी के अंदर क्या चल रहा है, किसी से कोई बात छिपी नहीं है.
पार्टी कार्यालय में क्या हो रहा है. किसी विषय में मारपीट हो रहा हैं शर्मनाक व अनुचित है.इस मौके पर मैं इतना जरूर कहूंगा कि उनके व उनके हैं। कुणाल ने कहा कि मैंने पद से इस्तीफा दिया है, पार्टी से नहीं। मैं एक भाजपा कार्यकर्ता के रूप में सक्रिय रहूंगा।
पत्रकारों के एक सवाल पर कुणाल ने कहा कि भाजपा प्रत्याशी मुझे शून्य समझ रहे हैं। दो माह में एक फोन तक उन्होंने मुझे नहीं किया, जबकि मैं उनके नामांकन में शामिल हुआ। जहां तक मेरी राजनीतिक हैसियत की बात है तो मैं केवल भाजपा का सामान्य कार्यकर्ता हूं। इस चुनाव तक घर में नहीं बैठूंगा। अंत में लोकसभा चुनाव के परिणाम पर कहा कि भाजपा प्रत्याशी पांच लाख वोट से जीतेंगे।