रांची: Jayant Sinha: भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने कहा है कि निष्ठापूर्वक काम करने के बावजूद उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है। झारखंड की हजारीबाग लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद जयंत सिन्हा को पार्टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था। पार्टी ने सवाल किया था कि आपने लोकसभा चुनाव में वोट क्यों नहीं डाला साथ ही आप चुनाव प्रचार का हिस्सा भी नहीं बने।
Jayant Sinha: यह दिया जवाब, जताई नाराजगी
अब जयंत सिन्हा ने नोटिस का जवाब दिया है। नाराजगी जताते हुए जयंत ने कहा कि उन्हें ऐसा लग रहा है कि पार्टी के लिए उनकी निष्ठा और कड़ी मेहनत के बाद भी उनको गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी संदेह को दूर करने के लिए कभी भी पर्सनली या फिर फोन पर उनसे बात की जा सकती थी।
Jayant Sinha: कहा- विदेश में था, डाक मतपत्र से डाला वोट
बीजेपी के झारखंड महासचिव आदित्य साहू के नोटिस के जवाब में जयंत सिन्हा ने कहा कि उन्होंने डाक मतपत्र प्रक्रिया के माध्यम से मतदान किया क्योंकि वह निजी प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश में थे। उन्होंने साफ किया कि मार्च में लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने के अपने फैसले की घोषणा के बाद झारखंड से पार्टी का एक भी वरिष्ठ पदाधिकारी सांसद या विधायक उनके पास नहीं पहुंचा।
Jayant Sinha: बीजेपी ने मनीष जायसवाल को बनाया उम्मीदवार
मालूम हो कि बीजेपी ने मनीष जयसवाल को हजारीबाग सीट से अपना उम्मीदवार बनाया और सिन्हा ने कहा कि उन्होंने उसी दिन से उनका समर्थन किया था जब उन्हें लोकसभा उम्मीदवार घोषित किया गया था। जयंत सिन्हा ने आगे लिखा पार्टी ने 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए मनीष जायसवाल को अपना उम्मीदवार घोषित किया है। सिन्हा ने कहा कि उन्हें 29 अप्रैल को जायसवाल का फोन आया था और उन्होंने उन्हें 1 मई को अपनी नामांकन रैली में आमंत्रित किया था।
Jayant Sinha: विलंब से जानकारी के कारण नहीं आए नामांकन में
जयंत सिन्हा ने कहा कि वह देर से सूचना के कारण 1 मई को हजारीबाग नहीं आ सके। नतीजतन मैं 2 मई को हजारीबाग की यात्रा की और सीधा मनीष जायसवाल के आवास पर जाकर उन्हें अपना समर्थन व्यक्त किया। वह मौजूद नहीं थे इसलिए मैंने अपना संदेश उनके परिवार तक पहुंचाया। आगे उनसे कोई संपर्क नहीं हुआ। मैंने 3 मई को हजारीबाग छोड़ दिया और दिल्ली लौट आया।
दो पेज में दिया जवाब
सांसद जयंत सिन्हा ने साहू को लिखे दो पेज के पत्र में कहा, अध्यक्ष को सूचित करने के बाद, मैंने विदेश में कुछ जरूरी व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं में भाग लेने के लिए 10 मई को भारत छोड़ दिया। पार्टी ने मुझे किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने के लिए नहीं कहा था इसलिए मुझे रुकने का कोई कारण नहीं दिख रहा था। भारत छोड़ने से पहले मैंने अपना वोट भेजा था डाक मतपत्र प्रक्रिया इसलिए आपके लिए यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने वोट देने की अपनी जिम्मेदारी का पालन नहीं किया।