जमशेदपुर/Governor Jamshedpur : आज पूरे देश में जो एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्यम) कंपनियां डूब रही हैं, ज्यादातर परिवार पर आश्रित हैं। जो लोग समय के साथ नहीं बदले, वे पीछे रह गए हैं। दूसरी ओर एमसएमई में ही नए स्टार्टअप उभर रहे हैं, जबकि पुराने बंद हो रहे हैं। ऐसे में हमें उनसे सीखना चाहिए, जो आगे बढ़ रहे हैं, ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। ये बातें राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने शनिवार को कहीं।
बिष्टुपुर स्थित चैंबर भवन में सिंहभूम चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आज यूरोप के देशों में एमएसएमई काफी अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं, खासकर जर्मनी में। स्मॉल इंडस्ट्री का मतलब यह नहीं है कि आप छोटे-छोटे सामान ही बनाएंगे। आप स्वयं को इस तरह से अपडेट करें कि विदेश की कंपनियां आपके साथ ज्वाइंट वेंचर में काम करने को उत्सुक हों। नए विचार के साथ नई टीम बनाएं, केंद्र व राज्य सरकार की औद्योगिक नीतियों का अध्ययन करें और बाजार की मांग के अनुरूप उद्योग स्थापित करने की तैयारी करें।
उन्होंने उदाहरण दिया कि आज से 100 वर्ष पहले देश में स्टील इंडस्ट्री कहां थी, आज कितने राज्य में है। तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक भी स्टील कंपनी नहीं है, लेकिन वहां हर तरह के सबमसिबल पंप ही नहीं, पनडुब्बी तक बनते हैं। आप देखिए कि महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश ने कैसे इतनी तरक्की कर ली। अंत में उन्होंने कहा कि औद्योगिक हब के लिए एयरपोर्ट बहुत जरूरी है, क्योंकि आपका खरीददार अब आने-जाने में समय बर्बाद नहीं करने वाला है।
चैंबर के पूर्व अध्यक्ष मुरलीधर केडिया के प्रश्न पर राज्यपाल ने कहा कि झारखंड में पर्यटन उद्योग की असीम संभावना है, लेकिन यह रातों-रात विकसित नहीं हो सकता है। रेल, रोड, एयरपोर्ट आदि बनाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था भी तैयार करना होगा।
राज्यपाल ने सिंहभूम चैंबर को सलाह दी कि उसका मूल कार्य नए उद्यमियों का मार्गदर्शन करना होना चाहिए।
Governor Jamshedpur : राजनीतिक नेतृत्व के अभाव से ज्यादा नागरिक जिम्मेदार
सिंहभूम चैंबर से संवाद के दौरान एक सवाल पर राज्यपाल ने कहा कि किसी भी राज्य के विकास में राजनीतिक नेतृत्व का हाथ तो होता ही है, लेकिन इससे ज्यादा वहां के नागरिक जिम्मेदार होते हैं। खासकर ऐसे लोग जो जाति, धर्म, समाज-समुदाय या पैसे के लालच में गलत लोगों को चुन लेते हैं। जब तक हम विकास के दृष्टिकोण से जनप्रतिनिधि नहीं चुनेंगे, उसकी उम्मीद कैसे कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व का हालिया उदाहरण उत्तर प्रदेश है, जहां सिर्फ कानून-व्यवस्था सुधरने से निवेश की गति काफी बढ़ गई है।
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