लखनऊ. General Election 2024; लोकसभा चुनाव 2024 के बीच रायबरेली दौरे पर पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह समाजवादी पार्टी के बागी विधायक मनोज पांडेय के घर पहुंचे। यहां पर उन्होंने सपा विधायक के परिवारजनों से मुलाकात की। गृह मंत्री के साथ रायबरेली से बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह भी मौजूद रहे।
जिले की सियासत की चुनावी पिच में ब्राह्मण वोट बैंक अहम रोल निभाता आया है। करीब 11 फीसदी ब्राह्मण वोटर चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाते रहे हैं। दरअसल, जिले में इस बात की अफवाह फैल रही थी कि पूर्व मंत्री का बेटा जरूर भाजपा में शामिल हो गया है, लेकिन वह भाजपा का सपोर्ट नहीं कर रहे हैं। इस वजह से पार्टी कमजोर है। यदि ब्राह्मण वोटर का झुकाव पार्टी की तरफ हो जाए तो गांधी परिवार के गढ़ में भाजपा पहले की तुलना में और मजबूत हो जाएगी।
सपा में बड़े ब्राह्मण चेहरों में होती थी गिनती
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद समाजवादी पार्टी से मनोज पांडे की अनबन शुरू हो गई। फरवरी में ऊंचाहार से विधायक मनोज पांडेय ने चीफ व्हिप पद से इस्तीफा दे दिया। लोकसभा चुनाव से पहले सपा का बड़ा ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले मनोज पांडेय के अलग हो जाने से पार्टी को बड़ा झटका लगा। कयास यह भी लगाया जा रहा था कि बीजेपी उनको रायबरेली से चुनाव लड़ा सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पार्टी ने यहां से दिनेश सिंह को उम्मीदवार घोषित कर दिया। माना जा रहा है कि इससे मनोज पांडेय नाराज चल रहे थे। अमित शाह के साथ मनोज पांडेय की यह मीटिंग मौजूदा लोकसभा चुनाव के समीकरण को लेकर हुई। करीब आधे घंटे यह बैठक चली। घर आने पर मनोज पांडेय ने गृह मंत्री के पैर छुए। फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।
अमित शाह ने की जनसभा
रायबरेली में मनोज पांडेय के घर जाने से पहले अमित शाह ने जनसभा की। उम्मीद की जा रही थी कि इस कार्यक्रम में मनोज पांडे भी शामिल होंगे लेकिन वह शामिल नहीं हुए। सभा के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि- शहजादे रायबरेली से वोट मांगने आए हैं। आप इतने साल से वोट दे रहे हो, आपको सांसद निधि से कुछ मिला? उन्होंने पूरा खर्चा किया, अगर आपको मिला नहीं, तो कहां गया? यह (सांसद निधि) उनके वोट बैंक में गया। सोनिया गांधी ने 70% से ज्यादा सांसद राशि अल्पसंख्यकों में खर्च करने का काम किया।
शाह ने कहा- मैं बहन प्रियंका का भाषण सुन रहा था। उन्होंने कहा- मैं अपने परिवार से वोट मांगने आई हूं। बात तो सही है, रायबरेली वालों ने वर्षों से गांधी, नेहरू परिवार को जिताया। लेकिन यहां से चुनकर जाने के बाद सोनिया और इनका परिवार रायबरेली कितनी बार आया? चलो, सोनिया गांधी की तबीयत थोड़ी खराब रहती है, लेकिन राहुल बाबा या प्रियंका बहन आईं क्या?