Delhi Liquor Policy: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को CM पद से हटाने की याचिका हाईकोर्ट में खारिज हो गई है। दिल्ली हाईकोर्ट का कहना है कि ये राजनीतिक मामला है, जो न्यायपालिका के दायरे में नहीं आता। इसलिए इसमें न्यायिक दखल की जरूरत नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि ये मामला कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में है। हम इसकी न्यायिक समीक्षा नहीं कर सकते। अदालत ने पूछा कि क्या कोई कानूनी बाध्यता है, जिसके तहत केजरीवाल को हिरासत में आने के बाद हटाया जाना जरूरी है। इस पर याचिकाकर्ता ने कहा कि ऐसी स्थिति में राष्ट्रपति या उपराज्यपाल को विचार कर दखल देना चाहिए।
Delhi Liquor Policy : याचिका में क्या कहा गया है
बता दें, दिल्ली निवासी याचिकाकर्ता और सामाजिक कार्यकर्ता सुरजीत सिंह यादव ने दलील दी थी कि एक्साइज पॉलिसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी उन्हें सार्वजनिक पद संभालने के लिए अयोग्य बनाती है। सुरजीत यादव ने तर्क दिया है कि वित्तीय घोटाले में फंसे एक मुख्यमंत्री जो 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में हैं, उन्हें पद पर बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उनका कारावास में होना न केवल कानून की उचित प्रक्रिया में बाधा डालता है, बल्कि राज्य की संवैधानिक मशीनरी को भी कमजोर करता है।
‘कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अक्षम बनाती है’
याचिकाकर्ता ने संविधान के अनुच्छेद 163 और 164 का हवाला देते हुए दावा किया है कि एक कैदी केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को पूरा करने में अक्षम बनाती है। याचिका में जेल में बंद मुख्यमंत्री द्वारा जेल से सरकारी कामकाज संचालित करने की व्यावहारिकता के बारे में भी कहा गया है। इसमें सुझाव दिया गया है कि केजरीवाल तक पहुंचने वाली सभी सामग्रियों पर जेल अधिकारियों द्वारा लगाई गई जांच मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें दी गई गोपनीयता की शपथ का उल्लंघन करेगी।
इसके अलावा, यादव ने तर्क दिया है कि केजरीवाल को अपना पद बरकरार रखने की इजाजत देने से उन्हें उन जांचों को प्रभावित करने की इजाजत मिल जाएगी, जिसमें उन्हें फंसाया गया है और यह आपराधिक न्यायशास्त्र के सिद्धांतों का खंडन करता है। याचिकाकर्ता ने अदालत से आग्रह किया है कि वह क्वो वारंटों की रिट जारी करे, जिससे केजरीवाल को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के अपने अधिकार को सही ठहराने के लिए मजबूर किया जा सके और आखिरकार उन्हें पद से हटाया जा सके।
दिल्ली एलजी ने कहा जेल से नहीं चलेगी सरकार
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रीय राजधानी सरकार जेल से नहीं चलाई जाएगी। सक्सेना की यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी (आप) के नेताओं के उन बयानों की पृष्ठभूमि में आई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अरविंद केजरीवाल जेल में रहने के बावजूद मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देंगे। AAP नेताओं ने कई मौकों पर केजरीवाल के इस्तीफे से इनकार किया और जोर देकर कहा कि वह जेल के अंदर से अपनी सरकार चलाएंगे।
कब डाली गई थी याचिका?
22 मार्च को हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर केजरीवाल को दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से हटाने की मांग की गई थी। याचिका दिल्ली के रहने वाले सुरजीत सिंह यादव ने डाली है, जो खुद को किसान और सामाजिक कार्यकर्ता बताते हैं।
आज खत्म हो रही है केजरीवाल की ED हिरासत
बता दें, दिल्ली शराब नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ई़डी हिरासत आज गुरुवार को खत्म हो रही है। केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें 28 मार्च तक के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था। केजरीवाल ने हाईकोर्ट में इसे इस आधार पर तत्काल रिहा करने का अनुरोध किया था कि उनकी गिरफ्तारी सही नहीं है। वहीं, केजरीवाल को दिल्ली हाईकोर्ट से बुधवार को राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस मामले ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है जिन पर ईडी से उसका रुख जाने बिना सरसरी तौर पर फैसला नहीं किया जा सकता है।