Cash in Washing Machine: अब तक आपने लॉकर, किसी बर्तन या फिर दीवार के अंदर पैसा छिपाकर रखे देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी वाशिंग मशीन में किसी को पैसा छिपाते देखा है? दरअसल, ईडी (ED) ने मंगलवार को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (The Foreign Exchange Management Act, 1999) के कथित उल्लंघन के एक मामले के सिलसिले में विभिन्न शहरों में तलाशी के दौरान 2.54 करोड़ रुपये ‘बेहिसाब’ नकदी जब्त की है, जिसका एक हिस्सा वाशिंग मशीन में छिपा कर रखा गया था। मामला विदेशी करेंसी (forex violation) से जुड़ा बताया जा रहा है।
Cash in Washing Machine: ED ने जब्त किए 47 बैंक अकाउंट, फ्रीज
एजेंसी ने विदेशी मुद्रा से जुड़े मामले में कैप्रीकॉर्न शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड ( Capricornian Shipping & Logistics Pvt Ltd) कंपनी, इसके डायरेक्टर विजय कुमार शुक्ला और संजय गोस्वामी के परिसरों की तलाशी ली, जिसमें दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई, कुरुक्षेत्र और कोलकाता के परिसर शामिल थे। उन्होंने मामले से जुड़े कई कागजात, डिजिटल डिवाइस के साथ 2.54 करोड़ रुपये जब्त किए, जिसका एक बड़ा हिस्सा वाशिंग मशीन के भीतर छुपाया गया था। इसके साथ ही 47 बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए गए हैं।
ED has conducted searches under the provisions of FEMA,1999 at the premises of M/s. Capricornian Shipping & Logistics Pvt Ltd and its directors Vijay Kumar Shukla and Sanjay Goswami and associated entities M/s. Laxmiton Maritime, M/s. Hindustan International, M/s. Rajnandini… pic.twitter.com/0EDzrjrlRJ
— ED (@dir_ed) March 26, 2024
Cash in Washing Machine: 1,800 करोड़ के लेन-देन का मामला
ED ने ये भी बताया कि कुछ और कंपनियां इस केस से जुड़ी हैं। इनमें मेसर्स लक्ष्मीटन मैरिटाइम, मेसर्स हिंदुस्तान इंटरनेशनल, मेसर्स राजनंदनी मेटल लिमिटेड, मेसर्स स्टावर्ट एलॉय इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स भटनागर लिमिटेड, मेसर्स विनायक स्ट्रीट लिमिटेड, मेसर्स वशिष्ठ कंस्ट्रक्सन प्राइवेट लिमिटेड और इनके डायरेक्टर संदीप गर्ग, विनोद केडिया शामिल हैं। इन पर सिंगापुर की गैलेक्सी शिपिंग एंड लाॅजिस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और हॉरिजन शिपिंग एंड लॉजिस्टिक्स प्राइवेट को 1,800 करोड़ रुपये संदिग्ध तौर पर भेजने के आरोप हैं। दोनों ही कंपनियों को एंथनी डीसिल्वा नाम के शख्स चलाते हैं। इन कंपनियों पर झूठी विदेशी सेवाओं के नाम पर रुपयों का लेन-देन करने के आरोप लगाए जा रहे हैं।
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