नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 में मिशन 400 पार का मंत्र लिए भाजपा ने बुधवार को नौ उम्मीदवारों (BJP list) की अपनी 10वीं सूची जारी की है। लिस्ट में 7 नए नाम हैं, जबकि पार्टी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से अपने उम्मीदवार को बदल दिया है। भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से अब नया उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। इससे पहले जो सूची जारी हुई थी, उसमें आसनसोल सीट से भोजपुरी फिल्म के सुपरस्टार पवन सिंह का नाम था, लेकिन अब भाजपा ने उन्हें कहीं और से उतारने का मन बनाया है।
लिस्ट में कई फैसले (BJP list)
इस लिस्ट में भाजपा ने कई कड़े फैसले लिए हैं। लिस्ट में कुल 9 नाम हैं और 7 सीटों पर उम्मीदवार बदले गए हैं। मछली शहर सांसद बीपी सरोज और कौशांबी सांसद विनोद कुमार सोनकर ही अपना टिकट बचा पाए हैं। किरण खेर और रीता बहुगुणा का भी टिकट काट दिया गया है। पश्चिम बंगाल की आसनसोल लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने पवन सिंह की जगह नए उम्मीदवार का नाम जारी कर दिया है।
यूपी की सात सीटों पर नए उम्मीदवार
भाजपा की ओर से जारी की गई 10वीं लिस्ट में सबसे चौंकाने वाले नाम यूपी से है। यूपी की सातों सीटों पर भाजपा ने अपने उम्मीदवार बदले हैं। बलिया से अब तक बीजेपी के वीरेंद्र सिंह मस्त सांसद हैं। इस बार बीजेपी ने बलिया से नीरज शेखर को चुनावी मैदान में उतारा है। इलाहाबाद से बीजेपी के नए प्रत्याशी नीरज त्रिपाठी पार्टी के वरिष्ठ नेता केशरीनाथ त्रिपाठी के बेटे हैं। वह पेशे से वकील हैं।
आरा से चुनाव लड़ना चाहते थे पवन सिंह
सूत्रों के मुताबिक, पवन सिंह भले ही आसनसोल से टिकट मिलने से खुश थे, लेकिन उनकी पहली पसंद आरा थी। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, एक बार इस संबंध में पवन सिंह भाजपा के एक वरिष्ठ नेता से भी मिले थे, ताकि उनको आरा से टिकट मिल जाए, लेकिन भाजपा ने आरा से उनको टिकट नहीं दिया। आसनसोल के भाजपा नेताओं ने उनके इस निर्णय पर बयान जारी नहीं किया था। हालांकि, एक दिन बाद ही पवन सिंह भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इसके बाद उन्होंने कहा था कि जो भी होगा सब ठीक होगा।
लेकिन, भाजपा ने आरा सीट से केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को फिर से टिकट दे दिया। अब जब भाजपा ने आसनसोल का टिकट भी दूसरे को दे दिया तो पवन सिंह ने एलान के मुताबिक बिहार की काराकाट सीट से उतरने की घोषणा कर दी।
2014 और 2019 में आसनसोल में जीती थी भाजपा
बता दें कि हिंदी भाषी बहुल आसनसोल सीट से भाजपा के टिकट पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में बाबुल सुप्रियो ने जीत दर्ज की थी। केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद 2022 में बाबुल सुप्रियो ने भाजपा छोड़ने के साथ सांसद पद से भी इस्तीफा दे दिया था।
READ ALSO: कोलकाता हाईकोर्ट ने संदेशखाली मामले की जांच सीबीआई को सौंपा, कहा कोर्ट इसकी निगरानी करेगा