विपक्षी दलों ने भाजपा को घेरा (Anant Hegde)
अनंत कुमार हेगड़े के बयान के बाद काफी हंगामा हुआ था, विपक्षी दलों ने इसे बड़ा मुद्दा बनाकर भाजपा को घेरा था। वहीं भाजपा ने उनके इस बयान से किनारा कर लिया था। अनंत कुमार हेगड़े कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर और केंद्र में कैबिनेट मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं।
गैरजरूरी बयानबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगी पार्टी
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा ने अपने इतने कद्दावर नेता का टिकट काट कर संदेश देने की कोशिश की है कि पार्टी में अनुशासन सबके लिए बराबर है और गैरजरूरी बयानबाजी को पार्टी बर्दाश्त नहीं करेगी। अब उन्हें इस बार के लोकसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया है।
इस मामले में कहा जा रहा है कि पार्टी ने एक बार फिर ये संदेश दिया है कि जो नेता बिना सोचे-समझे बयानबाजी कर शीर्ष नेतृत्व को मुश्किल में डालेंगे। वो भविष्य के अपने चुनावी अवसरों को ही खतरे में डालेंगे।
कई नेताओं के काटे टिकट
पार्टी ने इस बार ऐसे कई बड़बोले नेताओं के टिकट काट दिए हैं। इनमें साध्वी प्रज्ञा ठाकुर भी शामिल हैं। इसलिए बीजेपी की ओर से सभी बड़बोले नेताओं के लिए यह स्पष्ट संदेश है। अनंत कुमार हेगड़े ने पिछले 28 सालों में भाजपा सांसद के तौर पर 6 बार उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी।
अक्सर विवादों में रहते हैं अनंत हेगड़े
अनंत कुमार हेगड़े पिछले 28 साल से उत्तर कन्नड़ लोकसभा सीट से जीतते आ रहे थे। वे 6 बार सांसद चुने गए थे। इनमें से चार बार तो लगातार चुनाव जीते थे, लेकिन उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया गया है। हेगड़े लगातर ऐसे बयान देते रहते हैं जिसके कारण विवाद खड़ा होता है। हाल ही में उन्होंने एक बयान दिया था जिसमें कहा था कि बीजेपी का 400 का लक्ष्य इसलिए है, क्योंकि संविधान बदलना लक्ष्य है।
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