नई दिल्ली:Amit Shah on POK: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि पाक अधिकृत कश्मीर भारत का हिस्सा है और ये हकीकत है। पीओके के मुसलमान भाई भी हमारे हैं और भूमि भी हमारी है। पाकिस्तान ने पीओके हथिया लिया है। उन्होंने इस दौरान अनुच्छेद-370 सहित कई मुद्दों का जिक्र करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारुक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पर भी निशाना साधा।
गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार की नीतियों और भविष्य के कदमों और अनुच्छेद-370 हटने के बाद आए बदलावों को लेकर बात की। उन्होंने इस दौरान पहले के हालात भी बताए। गृह मंत्री ने अनुच्छेद-370 पर कहा कि इसको लेकर घाटी की जनता में भ्रांतियां फैलाई गईंं। इसके हटने के बाद भी यहां की संस्कृति जस की तस है। अनुच्छेद-370 हटने से बाहर के लोगों के यहां बसने को लेकर जो झूठ फैलाया गया था, वह भी ध्वस्त हो चुका है। कश्मीर की कश्मीरियत बची हुई है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 की आड़ में आतंक बढ़ाया गया और इसके कारण 40,000 युवा आतंकी बन कर मारे गए। गृह मंत्री शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस, पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने परिवारवाद को बढ़ा कर राज्य के विकास को रोका। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में राज्य से तीनों पार्टियां साफ हो जाएंगी।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राज्य में अब तक केंद्र सरकार अलग-अलग योजनाओं के तहत ₹45,000 करोड़ खर्च कर चुकी है। राज्य में पीएम आवास, जल जीवन और ग्राम सड़क योजना का कवरेज बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इससे कश्मीरियों के जीवन में बदलाव आया है। उन्होंने कहा कि राज्य में 2022-23 में ₹2100 करोड़ और 2023-24 में ₹2300 करोड़ का निवेश हुआ है। वही राज्य की जीडीपी 2015 में ₹1 लाख करोड़ थी, जो अब बढ़ कर ₹2.3 लाख करोड़ हो चुकी है।
जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को लेकर भी गृह मंत्री ने जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 31 सितंबर 2024 से पहले विधानसभा चुनाव करवाए जाएं। हम उस आदेश को टाल नहीं सकते। ऐसे में चुनाव हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र स्थापित करने को लेकर सरकार प्रतिबद्ध है।
हालांकि, फारुक अब्दुल्ला की सरकार के दौरान राज्य में जितने फर्जी एनकाउंटर हुए, उतने कभी नहीं हुए। गृह मंत्री शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य के जो संगठन अलगाववादी रवैया अपनाते हैं, उनके साथ कोई बातचीत नहीं होगी। राज्य के युवाओं से बातचीत होगी। ऐसे संगठन राज्य में 40,000 लोगों की मौत के जिम्मेदार हैं। गृह मंत्री ने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर को लेकर कहा कि उसे वापस लेना मात्र गृह मंत्री ही नहीं, बल्कि हर भारतीय और हर कश्मीरी का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि वह भूमि और वहां की जनता हमारी है।
गृह मंत्री ने ये भी बताया कि आतंक से लड़ते हुए शहीद हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवानों के घरवालों को नौकरी देने का काम पूरा हो गया है। पहले यह 10 वर्षों तक लटका रह जाता था। राज्य से सेना और अर्धसैनिक बलों को हटाने को लेकर कहा कि हमने इसको लेकर ब्लूप्रिंट बना लिया है और इसको लेकर चुनावों के बाद काम भी चालू होने की उम्मीद है।
जम्मू कश्मीर से सेना को विशेष शक्तियां देने वाला एक्ट एएफएसपीए हटाने को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि इस पर काम हो रहा है कि सेना बैरकों में वापस जाए और जम्मू-कश्मीर की पुलिस के हवाले राज्य की कानून व्यवस्था रहे।
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