कन्नौज/Akhilesh Yadav: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव गुरुवार को दोपहर एक बजे कन्नौज लोकसभा सीट से उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करेंगे। इसे लेकर वे कन्नौज पहुंच चुके हैं। सबसे पहले वह पार्टी कार्यालय जाएंगे, जिसके बाद कार्यकर्ताओं से मिलकर आगे की रणनीति तैयार करेंगे। कहा जा रहा है कि अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह की विरासत को संभालने के लिए उतरे हैं। अखिलेश यादव को मैदान में उतरने से सियासी रण दिलचस्प हो चुका है।
Akhilesh Yadav: अखिलेश की पत्नी हार गई थीं चुनाव
इससे पूर्व अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव चुनाव लड़ी थीं, लेकिन हार गई थीं। दरअसल, 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर से सपा परिवार की जड़ें यहां कमजोर होनी शुरू हुई। वर्ष 2019 में डिंपल यादव यहां से चुनाव लड़ीं और वे हार गईं। यहां से बीजेपी प्रत्याशी सुब्रत पाठक को जीत मिली थी।
Akhilesh Yadav: सुब्रत पाठक भी आज ही करेंगे नॉमिनेशन
इस चुनाव में अखिलेश यादव की सीधी टक्कर भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार और निवर्तमान सांसद सु्ब्रत पाठक से होगी। वे भी इस सीट से गुरुवार को ही नामांकन दाखिल करेंगे। दोनों उम्मीदवारों के नामांकन के दौरान पार्टियों की ओर से शक्ति प्रदर्शन की तैयारी है। गुरुवार सुबह से ही भाजपाई और सपाई खेमों में गहमागहमी दिखाई पड़ रही है। पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है।
Akhilesh Yadav: सपा ने पहले तेज प्रताप यादव को उतारा था मैदान में
अखिलेश यादव से पूर्व सपा ने यहां से तेज प्रताप यादव को अपना प्रत्याशी बनाया था, लेकिन स्थानीय नेताओं में इसे लेकर नाराजगी थी। वे चाहते थे कि यहां से अखिलेश यादव ही चुनाव लड़ें और इसकी मांग लगातार हो रही है। इसे देखते हुए अखिलेश यादव ने यहां से चुनाव लड़ने का मन बनाया।
सपा अध्यक्ष स्थानीय नेताओं व कार्यकर्ताओं को नाराज नहीं करना चाहते थे, उन्हें यह भी लग रहा था कि यदि स्थानीय नेता व कार्यकर्ता नाराज हो गए, तो इसका असर कन्नौज लोकसभा सीट के चुनाव परिणाम पर पड़ सकता है। यही कारण है कि उन्होंने तेज प्रताप का टिकट काटकर खुद लड़ने का निर्णय ले लिया।
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