AIMIM In UP : एआइएमआइएम (AIMIM) यूपी में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने वाली है। हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम यूपी में सपा के साथ समझौता करना चाहती थी, लेकिन इस दौरान अगर बात नहीं बनी तो अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। पार्टी ने कहा है कि जल्द ही 25 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की जाएगी। यूपी से पहले ओवैसी की पार्टी बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है।
AIMIM In UP : ओवैसी मुस्लिम बहुल सीट पर उतार सकते हैं उम्मीदवार
जानकारी के मुताबिक असदुद्दीन ओवैसी यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों पर ही अपने उम्मीदवार उतारने जा रहे हैं। ओवैसी जहां अपने उम्मीदवार उतार रहे हैं, वहां समाजवादी पार्टी की स्थिति काफी मजबूत नजर आ रही है। ओवैसी के उम्मीदवार उतारने से समाजवादी पार्टी के वोटों का बिखराव हो सकता है। अल्पसंख्यक मत अखिलेश यादव के साथ-साथ ओवैसी के पास भी जा सकते हैं। जब अल्पसंख्यक वोटों का बंटवारा हो जाएगा, तो उस स्थिति में इसका फायदा बीजेपी को मिलेगा। इस तरह ओवैसी कहीं ना कहीं बीजेपी की मदद करते दिखाई दे रहे हैं।
LOK SABHA ELECTION: आजमगढ़ समेत 7 सीटों पर AIMIM उतारेगा उम्मीदवार
दरअसल एआइएमआइएम ने यूपी की जिन सीटों पर कैंडिडेट उतारने की बात कही है उसमें सपा का गढ़ कही जाने वाली आजमगढ़ लोकसभा सीट भी शामिल है। इसके साथ ही बदायूं, फिरोजाबाद, संभल, मुरादाबाद, अमरोहा और मेरठ सीट पर भी एआइएमआइएम ने उम्मीदवार उतारने की पूरी तैयारी कर ली है। पार्टी के प्रवक्ता आसिम वकार ने कहा कि अभी इन 7 सीटों पर प्रत्याशी उतारने पर विचार चल रहा है। अभी लगातार बातचीत चल रही है। ऐसा संभव है कि इन सीटों में इजाफा हो जाए।
AIMIM के प्रवक्ता ने अखिलेश यादव पर लगाए ये आरोप
ओवैसी की पार्टी के प्रवक्ता मोहम्मद फरहान ने अखिलेश यादव पर बीजेपी की मदद करने और मिले होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कथित सेक्युलर पार्टियां मुसलमानो को एमपी- एमएलए बनता नहीं देखना चाहती हैं। इसी वजह से वह असदुद्दीन ओवैसी से दूरी बनाए हुए हैं। प्रवक्ता फरहान के मुताबिक अगर हमारे अकेले चुनाव लड़ने से अखिलेश यादव की सपा समेत दूसरी कथित सेक्युलर पार्टियों के उम्मीदवारों को हार का सामना करना पड़ता है, तो उसकी सारी जिम्मेदारी खुद उनकी ही होगी।
विपक्षी पार्टियों को सता रहा है डर
मोहम्मद फरहान के मुताबिक बिहार की तर्ज पर ही बहुत जल्द यूपी में भी उन 25 सीटों का ऐलान किया जाएगा, जहां पार्टी अब अकेले चुनाव लड़ेगी। इसके बाद इन सीटों पर दलित और मुस्लिम समुदाय का सम्मान करने और उन्हें बराबरी का दर्जा देने वाले उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान किया जाएगा। ‘जय भीम-जय मीम’ नारे के साथ दलितों और मुस्लिमों का समीकरण बनाने का काम किया जाएगा। उन्होंने दावा किया कि असदुद्दीन ओवैसी की बढ़ती लोकप्रियता से कथित तौर पर सेक्युलर होने का दावा करने वाली विपक्षी पार्टियां डरी हुई हैं।
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