रांची Achar sanhita : झारखंड की राजधानी के कई इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है। यह निषेधाज्ञा फिलहाल 60 दिनों के लिए लागू की गई है। इसके बाद अब निर्दिष्ट इलाकों में आगामी 10 मई तक धरना-प्रदर्शन, जुलूस सहित अन्य प्रतिबंध लागू रहेंगे। अनुमंडल दंडाधिकारी (सदर) उत्कर्ष कुमार की ओर से इस संबंध में नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
Achar sanhita : राजधानी के इन क्षेत्रों में रहेगी निषेधाज्ञा
मोरहाबादी स्थित मुख्यमंत्री आवास की चारदीवारी से 100 मीटर की परिधि, कांके रोड स्थित पुराना मुख्यमंत्री आवास की चारदीवारी से 100 मीटर की परिधि, राजभवन की चारदीवारी से 100 मीटर की परिधि (जाकिर हुसैन पार्क को छोड़कर), झारखंड उच्च न्यायालय की चारदीवारी से 100 मीटर की परिधि, नए विधानसभा की चारदीवारी से 500 मीटर की परिधि, प्रोजेक्ट भवन व नेपाल हाउस की चारदीवारी से 100 मीटर की परिधि व एचईसी धुर्वा स्थित प्रोजेक्ट भवन की चारदीवारी से 200 मीटर की परिधि में मंगलवार की दोपहर 12 बजे से 10 मई तक (60 दिन) या आगामी आदेश तक धारा-144 लागू करने का निर्देश दिया है।
Achar sanhita लागू रहेंगे यह प्रतिबंध
निषेधाज्ञा की समयावधि में बिना सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के किसी प्रकार का धरना, प्रदर्शन, घेराव, जुलूस, रैली या आमसभा के आयोजन पर प्रतिबंध रहेगा। किसी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र, जैसे बंदूक, राइफल, रिवाल्वर, पिस्टल, बम, बारुद आदि लेकर निकलने पर भी प्रतिबंध रहेगा। इसके अलावा किसी प्रकार के हरवे-हथियार जैसे लाठी-डंडा, तीर-धनुष, गड़ासा-भाला आदि लेकर विकलने या चलने पर भी प्रतिबंध होगा। बिना सक्षम प्राधिकार की पूर्वानुमति के किसी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्र के उपयोग पर भी प्रतिबंध रहेगा।
इन मामलों में नहीं रहेगा प्रतिबंधन
सरकारी कार्य में लगे पदाधिकारियों व कर्मचारियों और न्यायालय कार्य, धार्मिक व अंत्येष्टि कार्यक्रम पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहेगा। यह आदेश जिला प्रशासन की ओर से प्रतिनियुक्त किसी भी पदाधिकारी या बल पर लागू नहीं होगा।
क्यों लागू की गई निषेधाज्ञा
अनुमंडल पदाधिकारी के अनुसार, कुछ संगठनों व दलों की ओर से धरना, प्रदर्शन, जुलूस व रैली इत्यादि किए जाने की सूचना है। वर्तमान में जाकिर हुसैन पार्क की जगह संबंधित आयोजन राजभवन के मुख्य द्वार व कांके रोड स्थित मुख्यमंत्री आवास के समीप भी हो रहे हैं। इस प्रकार के आयोजनों से सरकारी कामकाज में व्यवधान उत्पन्न होने के साथ-साथ यातायात व्यवस्था बाधित होने व विधि व्यवस्था की समस्या उत्पन्न हो सकती है। लोक परिशांति भी भंग होने की संभावना है।
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