पटना: बिहार कांग्रेस ने अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के अपमान के खिलाफ पटना की सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हाथों में जंजीरें पहनकर सरकार के खिलाफ तीव्र नाराजगी जताई और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस्तीफे की मांग की। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में चर्चा का माहौल बना दिया है और केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस का आक्रोश स्पष्ट रूप से सामने आया।
कांग्रेस का आरोप: तानाशाही सरकार ने भारतीयों को अपमानित किया
बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह तानाशाही सरकार भारतीयों की इज्जत और गरिमा का सम्मान नहीं कर रही है। उनका कहना था कि भारतीयों को सम्मानजनक तरीके से अपने देश वापस लाया जाना चाहिए था, लेकिन सरकार ने उन्हें अपमानजनक तरीके से डिपोर्ट किया। अखिलेश प्रसाद सिंह ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार ने उन्हें फ्लाइट के बजाय जंजीरों में डाले और पैरों में बेड़ियां लगाकर वापस भेजा, जो पूरी तरह से अपमानजनक है।
सड़कों पर गूंजे कांग्रेस के नारे
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जोरदार नारेबाजी की, जिसमें मुख्य रूप से “भारतीयों का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान” और “तानाशाही सरकार मुर्दाबाद” जैसे नारे लगाए गए। यह नारे पटना की सड़कों पर गूंजे और एक राजनीतिक उबाल का संकेत बने। कांग्रेस कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने भारतीयों को जिस तरीके से डिपोर्ट किया, वह उनके अधिकारों और गरिमा का उल्लंघन है।
कांग्रेस की राजनीतिक प्रतिक्रिया और आगामी रणनीति
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है। अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि कांग्रेस जनता के फैसले का सम्मान करती है और चुनाव परिणाम का स्वागत करती है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी आगामी रणनीति पर विचार कर रही है और भविष्य में अपने कदम आगे बढ़ाने के लिए तैयार है। हालांकि, बिहार कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन केंद्र सरकार के खिलाफ आक्रोश को उजागर करने वाला था और राजनीतिक हलकों में इसके असर को लेकर चर्चा जारी है।
कांग्रेस का यह विरोध प्रदर्शन क्यों महत्वपूर्ण है?
यह विरोध प्रदर्शन कांग्रेस के लिए इस लिहाज से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह पार्टी के रुख को स्पष्ट रूप से व्यक्त करता है, जो केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ है। कांग्रेस का आरोप है कि भारतीय नागरिकों के साथ इस तरह का व्यवहार लोकतंत्र और मानवाधिकारों का उल्लंघन है। कांग्रेस का यह प्रदर्शन न केवल एक स्थानीय मुद्दा है, बल्कि यह व्यापक रूप से केंद्र सरकार की विदेश नीति और नागरिकों के अधिकारों पर भी सवाल खड़ा करता है।
अब केंद्र सरकार और बीजेपी की प्रतिक्रिया?
बिहार कांग्रेस का यह प्रदर्शन राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर केंद्र सरकार और बीजेपी की क्या प्रतिक्रिया आती है। क्या केंद्र सरकार इस मुद्दे पर कांग्रेस के आरोपों का जवाब देती है या फिर इसे नजरअंदाज कर देती है? कांग्रेस के इस विरोध प्रदर्शन के बाद, राजनीतिक स्थिति में कोई बदलाव आता है या नहीं, यह आने वाले समय में साफ होगा।
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