नई दिल्ली : Parliament Winter Session 2023: संसद का शीतकालीन सत्र 4 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है और 22 दिसंबर तक चलेगा, यह घोषणा संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने की है। उन्होंने बताया कि इस शीतकालीन सत्र के दौरान नई संसद में 15 बैठकें आयोजित की जाएगी, जो 19 दिनों तक चलेगी। इस मौके पर अमृत काल के बीच, विधायी कार्यक्रमों और अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की उम्मीद है।
आईपीसी, सीआरपीसी व एविडेंस एक्ट में परिवर्तन के प्रस्तावों पर हो सकता है विचार
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान गृह मामलों की स्थायी समिति ने हाल ही में तीन रिपोर्टों को स्वीकार किया है, जो भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और साक्ष्य अधिनियम में परिवर्तन के प्रस्तावों पर विचार किए जाने की संभावना है।
इस साल का आखिरी सत्र
आपको बता दे कि यह शीतकालीन सत्र साल का आखरी सत्र होगा जो को क्रिसमस से पहले समाप्त हो जायेगा। प्रह्लाद जोशी के अनुसार, यह 4 दिसंबर से 22 दिसंबर तक चलने वाले शीतकालीन सत्र में 15 बैठकें होने वाली हैं। अमृत काल के बीच सत्र के दौरान विधायी कामकाज और अन्य विषयों पर चर्चा का इंतजार है। बात चाहे कुछ भी हो विपक्षी विरोध करना नही भूलेंगे, विपक्षी दल इस विधेयक के खिलाफ विरोध जता रहे हैं क्योंकि उनका कहना है कि सरकार संस्थाओं पर कब्जा करना चाहती है। वहीं, केंद्र सरकार इस आरोप को नकारती जा रही है।
विधायी कामकाज को आगे बढ़ाना इस सत्र का मुख्य उद्देश्य
आपको बता दें कि भारतीय संसद में शीतकालीन सत्र वार्षिक रूप से होता है, जिसे आम तौर पर नवंबर या दिसंबर माह में आयोजित किया जाता है। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य विधायी कामकाज को आगे बढ़ाना होता है और अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करना होता है। यह सत्र बजट सत्र के पहले होता है और इसमें संसद में बजट पेश किया जाता है। इसके अलावा, इस सत्र में संसद में बहुत से महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होती है और विधेयकों पर मतदान किया जाता है।