स्पेशल डेस्क : संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (UNFPA report) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 144 करोड़ तक पहुंच गई है। इसमें 0-14 आयु वर्ग के लोगों की आबादी 24 फीसदी है। 2011 में हुई पिछली जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत में प्रसव के दौरान होने वाली महिलाओं की मौतों में गिरावट हुई है।
सबसे ज्यादा आबादी वाला देश (UNFPA report)
भारत में आखिरी जनगणना 2011 में की गई थी। उस वक्त भारत चीन के बाद दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा आबादी वाला देश था और देश की जनसंख्या 121 करोड़ थी। भारत की ताजा जनसंख्या पर यूनाइटेड नेशन पॉपुलेशन फंड (UNFPA) ने रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक भारत दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन गया है। भारत की पॉपुलेशन 144 करोड़ हो गई है। इसमें 24 फीसदी आबादी 0 से 14 साल से कम उम्र की है।
रिपोर्ट में क्या-क्या शामिल
इस रिपोर्ट में ये भी अनुमान लगाया गया है कि भारत की आबादी आने वाले 77 सालों में दोगुनी हो जाएगी। रिपोर्ट में जनसंख्या के साथ-साथ नवजात बच्चों की मौत, महिलाओं और LGBTQ की स्थिति आदि के बारे में भी डेटा दिया गया है। रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि भारत में मातृ मृत्यु (Maternal Death) में काफी भारी गिरावट आई है। रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि भारत की अनुमानित 24 प्रतिशत आबादी 0-14 वर्ष की है, जबकि 17 प्रतिशत आबादी 10-19 आयु सीमा के भीतर है।
इतना ही नहीं, 10-24 आयु वर्ग 26 प्रतिशत है, जबकि 15-64 आयु वर्ग 68 प्रतिशत है। इसके अतिरिक्त, भारत की 7 प्रतिशत आबादी 65 वर्ष और उससे अधिक आयु की है, जिसमें पुरुषों की जीवन प्रत्याशा (लाइफ एक्सपेक्टेंसी) 71 वर्ष और महिलाओं की 74 वर्ष है।
बाल विवाह का प्रतिशत
रिपोर्ट के मुताबिक, 2006-2023 के बीच भारत में बाल विवाह का प्रतिशत 23 फीसदी था। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मातृ मृत्यु में काफी गिरावट आई है, जो दुनिया भर में होने वाली ऐसी सभी मौतों का 8 प्रतिशत है। रिपोर्ट में कहा गया है, “भारत की सफलता का श्रेय अक्सर सस्ती, गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच के साथ-साथ स्वास्थ्य परिणामों पर लैंगिक भेदभाव के प्रभाव को दूर करने के प्रयासों को दिया जाता है।” हालांकि, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में मातृ मृत्यु जोखिम में नाटकीय असमानताएं देखी जा रही हैं।
मृत्यु दर में गिरावट
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की इस बात पर प्रशंसा हुई है कि यहां पर मातृ मृत्यु दर में गिरावट देखने को मिली है। ये विश्व भर में सभी मौतों का आठ फीसदी है। ग्लोबल पब्लिक हेल्थ रिपोर्ट में UNFPA ने बताया कि एक सर्वे से पता चला है कि भारत के 640 जिलों में एक तिहाई जिलों में मातृ मृत्यु दर कम है। इसके साथ ही भारत सरकार की ओर से नवजात की मृत्यु दर कम हुई। माताओं को पौष्टिक आहार मुहैया कराने को लेकर कई स्कीम चलाई जा रही हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की सफलता का श्रेय अक्सर किफायती, गुणवत्तापूर्ण मातृ स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच के साथ-साथ स्वास्थ्य परिणामों पर लैंगिक भेदभाव के प्रभाव को दूर करने के प्रयासों को दिया जाता है।
यूएनएफपीए ने पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ द्वारा भारत में जिला-स्तरीय मातृ मृत्यु अनुपात के संबंध में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि भारत के 640 जिलों में हाल ही में किए गए शोध से पता चला है कि लगभग एक तिहाई जिलों ने मातृ मृत्यु दर को कम करने का सतत विकास लक्ष्य हासिल किया है, जिसमें प्रति 100,000 जीवित जन्म पर मातृ मृत्यु दर 70 से कम है, लेकिन 114 जिलों में अभी भी यह अनुपात 210 या उससे अधिक है।