नई दिल्ली : भारत में शुक्रवार की रात लगभग 11.35 बजे आये भूंकप से लोग सहमे हुए हैं। दिल्ली, यूपी, बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों में भूंकप के झटके महसूस किए गए। नोएडा में भूंकप के तेज झटके से लोग घरों से बाहर निकर आए। देश के कई राज्यों में एक साथ महसूस किए गए भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है। इससे पूर्व दिल्ली में तीन व 15 अक्टूबर को भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। उसका केंद्र भी नेपाल ही था। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के अनुसार भूकंप की तीव्रता 6.4 रही।
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भारत के इन राज्यों में सबसे अधिक आता है भूंकप
भारत में कुछ ऐसे राज्य हैं, जिन्हें भूकंप से सर्वाधिक प्रभावित होने वाला क्षेत्र माना जाता है। इसमें महाराष्ट्र, उत्तरी पंजाब, सिक्किम, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़, उत्तरी बंगाल, अंडमान निकोबार, कच्छ का रण, सुंदरवन, तामिलनाडु व कर्नाटर के कुछ हिस्से शामिल हैं।
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इस देश में आया था दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप
क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे खतरनाक भूकंप कहां आया था? नहीं तो आइए हम आपको बताते हैं। दरअसल, 467 साल पहले चीन में दुनिया का सबसे खतरनाक भूंकप आया था। तब 8.30 लाख लोगों की मौत हुई थी। हालांकि, तीव्रता की बात करें तो दुनिया में सबसे बड़ा भूकंप दक्षिण अमरीका के चिली में 22 मई 1960 को आया था। उसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 9.6 मापी गई थी। हालांकि, तब मरने वालों की संख्या चीन से कम 1716 थी।
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भूकंप का कितनी तीव्रता खतरनाक
कई बार भूकंप आता है और चला जाता लेकिन लोगों को महसूस नहीं हो पाता है। दरअसल, रिक्टर स्केल पर 0 से 1.9 के बीच भूंकप की तीव्रता होती तो वह महसूस नहीं हो पाता। उसे सिर्फ सिस्मोग्राफ से ही पता लगाया जा सकता है। वहीं, रिक्टर स्केल पर 2 से 2.9 के बीच होता तो हल्का कंपन होता है। वहीं, 3 से 3.9 के बीच होता तो भूकंप का झटका तेज महसूस होता है। ऐसा लगता है मानो आपके बगल से कोई ट्रक गुजर रहा हो।
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रिक्टर स्केल पर 4 से अधिक खतरनाक
रिक्टर स्केल पर 4 से अधिक भूकंप खतरनाक माना जाता है। जब भूकंप की तीव्रता 4 से 4.9 के बीच रहता है तो आपके घर में रखे गए समान जोर-जोर से हिलने लगते हैं। इस दौरान घर की खिड़कियां टूटने की संभावना सबसे अधिक होती है। वहीं, जब 5 से 5.9 के बीच रहता तो घर में पलंग, कुर्सी सहित अन्य भारी
समान हिलने लगते हैं।
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छह से ऊपर होने पर दरकने लगती है इमारत की नींव
भूकंप की तीव्रता जब छह से ऊपर होती है तो आपके घर की नींव हिलने लगती है। इस दौरान दरक भी जाती है। वहीं, तीव्रता सात से ऊपर होने पर मकान टूटकर गिरने लगते हैं। जबकि आठ से ऊपर होने पर पुल टूटने लगते है और जब तीव्रता नौ से ऊपर होती है तो वह तबाही में तब्दील हो जाती है। इस दौरान सुनामी का खतरा अधिक रहता है।
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पृथ्वी पर हर साल कितने भूकंप आते हैं?
पृथ्वी पर हर साल कितने भूकंप आते हैं? क्या आपको पता है। नहीं तो आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। पृथ्वी पर हर साल लगभग पांच लाख भूकंप आते हैं। इसमें करीब एक लाख ही महसूस होते हैं। जबकि अधिकांश महसूस नहीं हो पाते हैं। वहीं, इसमें लगभग 100 भूकंप नुकसान पहुंचाते हैं।
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भूकंप क्यों आता है?
दरअसल, धरती के अंदर कुल सात प्लेट्स हैं और ये प्लेट्स चलायमान रहती हैं। जहां प्लेट आपस में टकराती हैं, उन्हें फाल्ट जोन कहते हैं। जब प्लेट टकराती हैं तो ऊर्जा बाहर निकलने की कोशिश करती है। इससे जो हलचल होती है वही भूकंप बन जाता है।
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भारत में सबसे विनाशकारी भूकंप कब आया था?
भारत में सबसे विनाशकारी भूकंप 15 जनवरी 1934 में आया था। यह भूकंप बिहार में आया था। इसकी तीव्रता 8.1 थी। इसमें लगभग तीन हजार से अधिक लोगों की मृत्यु हुई थी।
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