स्पेशल डेस्क : अफगानिस्तान में Taliban फिर अपने पुराने रूप में आ गया है। अपने तुगलकी फरमान से पूरी दुनिया में चर्चा में है। इस्लामी मूल्यों के उपेक्षा करने पर तालिबान ने दो चैनलों पर प्रतिबंध लगा दी है। तालिबान ने कहा कि दोनों चैनल इस्लामी मूल्यों के खिलाफ काम कर रहे थे। तालिबान का कहना है कि ये चैनल इस्लामी मूल्यों को संजोने का काम नहीं कर रहे हैं।
न्यूज चैनल पर लगाने का कारण नहीं बताया (Taliban)
तालिबान मंत्रालय के मीडिया उल्लंघन आयोग के अधिकारी हफीजुल्लाह बराकजई ने बताया कि नूर टीवी और बरया टीवी पर बैन लगाया गया है। यह मामला अदालत में चल रहा है। जबतक फैसला नहीं आ जाता है, तब तक दोनों टीवी का संचालन नहीं कर सकते हैं। आदेश में किन कारणों से टीवी चैनलों पर बैन लगाया गया है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है।
अफगानिस्तान के भीतर संकट में पत्रकारिता
आफगानिस्तान में 2021 में तालिबान ने सत्ता संभाली थी। इसके बाद कई पत्रकारों की नौकरी चली गई। वहीं, पैसे की कमी के कारण कई मीडिया हाउस बंद हो गए। कार्य और यात्रा पर रोक के कारण महिला पत्रकारों को काम करने में काफी परेशानी हो रही है। तालिबान प्रशासन ने दोनों चैनलों के बैन होने पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
महिला न्यूज एंकर नहीं दिखा सकती चेहरा
तालिबान शासन में पहले भी ऐसे कई आदेश जारी होते रहे हैं। इससे पहले भी अफगानीस्तान के कई टीवी चैनलों पर तालिबान ने पाबंदी लगाई है। वहीं, महिला एंकरों को मुंह ढक कर एंकरिंग करने का आदेश जारी किया था, जिसका न्यूज एंकरों ने विरोध किया था। इस पर तालिबान फैसला लिया है कि अगर किसी ने चेहरा दिखाया, तो उसपर कार्रवाई की जाएगी।
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