Supreme Court Hearing on CAA: नागरिकता संशोधन नियम के खिलाफ दाखिल 200 से ज्यादा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल सीएए पर किसी भी तरह की रोक लगाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से सीएए पर तीन सप्ताह में जवाब तलब किया है।
सॉलिसिटर जनरल ने जवाब के मांगा चार सप्ताह
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने केंद्र सरकार से पूछा कि नोटिफिकेशन पर रोक की मांग वाली याचिका पर जवाब देने के लिए उनको कितना समय चाहिए। जिस पर केंद्र की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल ने 4 सप्ताह का का समय मांगा था। हालांकि अदालत ने जवाब दाखिल करने के लिए केंद्र को तीन सप्ताह का समय दिया है जिसके बाद अब मामले में अगली सुनवाई 9 अप्रैल को होगी।
Supreme Court Hearing on CAA: संसद ने 11 दिसंबर 2019 को पारित किया था CAA
नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग को लेकर भी याचिकाएं दायर की गई हैं। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। सीएए को भारत की संसद ने 11 दिसंबर 2019 को पारित किया था। यह कानून व्यापक बहस और विरोध का विषय रहा है ।
क्या है CAA में
सीएए 1955 के नागरिकता अधिनियम में संशोधन करता है। यह कानून अफगानिस्तान बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू सिख जैन पारसी बौद्ध और ईसाई समुदायों से आने वाले उन प्रवासियों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है जो अपने संबंधित देशों में धार्मिक उत्पीड़न का शिकार हैं और 31 दिसंबर 2014 या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं।
पिछले हफ्ते वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आईयूएमएल की याचिका का उल्लेख करते हुए कहा था कि चुनाव नजदीक हैं। सीएए संसद से पारित होने के चार साल बाद इसके नियमों को ऐसे समय अधिसूचित करना सरकार की मंशा को संदिग्ध बनाता है।
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