स्पेशल डेस्क/ Sam Pitroda Controversy :लोकसभा चुनाव के बीच विवादित बयान देने के बाद विवादों से घिरे कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। यह जानकारी कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जयराम रमेश ने दी है।
उन्होंने अपने X पर लिखा है कि पित्रोदा ने अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है, जिसे मंजूर कर लिया गया है। मालूम हो कि सुबह में पित्रोदा का एक वीडियो सामने आया, जिसमें वे कह रहे हैं कि भारत में ईस्ट के लोग चाइनीज और साउथ वाले अफ्रीकन दिखते हैं। बयान देने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस ने इससे किनारा कर लिया।
Sam Pitroda Controversy: कांग्रेस ने किया किनारा
कांग्रेस ने कहा कि भारत की विविधता की यह परिभाषा मंजूर नहीं है। यह गलत है। इससे पहले उन्होंने विरासत टैक्स का मुद्दा उठाया था, जिससे राहुल ने किनारा कर लिया था।
सैम पित्रोदा ने क्या कहा!
पित्रोदा ने भारत की विविधता पर बात करते हुए कहा, भारत में पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, तो दक्षिण में लोग अफ्रीकी लगते हैं। पश्चिम भारत के लोग अरबी जैसे लगते हैं। उत्तर भारतीय गोरे होते हैं। उनके इस बयान को भाजपा ने ‘नस्लीय टिप्पणी’ बताया है। इससे पहले उन्होंने ‘विरासत कर’ पर विवादित बयान दिया था।
2019 के लोकसभा चुनाव में पित्रोदा ने कहा था, अब क्या है ‘1984’ का। आपने (नरेंद्र मोदी) पांच साल में क्या किया, अब उसकी बात करिए। 1984 में जो हुआ, वो हुआ। पित्रोदा ने तब 1984 के दंगों को लेकर बयान दिया था। उसके बाद पीएम मोदी से लेकर निचले स्तर तक के भाजपा कार्यकर्ताओं ने उस बयान को ‘हुआ तो हुआ’ नाम से लोगों के बीच पहुंचा दिया था।
प्रधानमंत्री मोदी का तीखा हमला
पित्रोदा के बयान के खिलाफ बीजेपी नेताओं ने मोर्चा खोल दिया और उसके बहाने कांग्रेस के ‘आइडिया ऑफ इंडिया’ पर हमला बोला। कांग्रेस और राहुल गांधी से माफी मांगने की मांग की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना के वारंगल की एक रैली में बहुत गुस्से में दिखे। उन्होंने कहा कि चमड़ी के रंग के आधार पर देशवासियों का अपमान नहीं सहेंगे। मोदी ने कहा, ‘क्या हमारे देश में ये शहजादे, मैं बहुत गुस्से में हूं आज दोस्तो। मुझे कोई गाली दे, मुझे गुस्सा नहीं आता।
मैं सहन कर लेता। लेकिन, आज शहजादे के फिलॉस्फर ने इतनी बड़ी गाली दी है, जिससे मुझमें गुस्सा भड़क गया है। कोई मुझे बताइए, क्या मेरे देश में चमड़ी के रंग के आधार पर लोगों की योग्यता तय होगी? ये चमड़ी के रंग का खेल शहजादे को किसने इजाजत दी है। संविधान सिर पर लेकर नाचने वाले लोग चमड़ी के रंग के आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि त्वचा का रंग कोई भी हो, देशवासी भगवान श्री कृष्ण की पूजा करते हैं, जिनकी त्वचा का रंग भी हम सभी की तरह था।
कौन हैं सैम पित्रोदा?
सैम पित्रोदा का पूरा नाम सत्यनारायण गंगाराम पित्रोदा है। वह इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष हैं। उनको ही भारत में सूचना क्रांति का जनक माना जाता है। यूपीए सरकार के कार्यकाल में वह तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में वह UN के लिए प्रधानमंत्री का सलाहकार भी रह चुके हैं। वह जन सूचना संरचना और नवप्रवर्तन सलाहकार भी रहे। सैम पित्रोदा एक बिजनेसमैन भी हैं। वह अमेरिका में कई कंपनियां भी चलाते हैं।
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