नेशनल डेस्क, जयपुर : राजस्थान में एक बार फिर पेट्रोल पंप संचालकों ने हड़ताल (Petrol Pump Strike) का ऐलान कर दिया है। वैट में कटौती और डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी को लेकर राज्य सरकार से आर-पार की लड़ाई में राजस्थान के विभिन्न शहरों में पेट्रोल पंप 10 मार्च रविवार और 11 मार्च सोमवार को बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों को ईंधन की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
क्या है हड़ताल की वजह (Petrol Pump Strike)
इस हड़ताल को लेकर राजस्थान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वैट कम करने की गारंटी दी थी, लेकिन इस पर आज तक कोई भी निर्णय नहीं हुआ है। एसोसिएशन के बयान के अनुसार, यह हड़ताल प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के बाद भी राजस्थान सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल पर वैट कम नहीं करने, तेल कंपनियों द्वारा पिछले सात साल से डीलर कमीशन नहीं बढ़ाने और ल्यूब आयल एवं प्रीमियम उत्पादों की जबरन आपूर्ति करने जैसे मुद्दों को लेकर की जा रही है।
पेट्रोल पंप संचालकों ने कहा है कि राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी की सरकार के नेता विधानसभा चुनाव से पहले बढ़े हुए वैट को कम करने की मांग करते थे, लेकिन जब से बीजेपी राजस्थान में सत्ता में आई है, भाजपा नेता वैट कम करने की बात भूल गए हैं। अब हड़ताल का निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब आम उभोक्ताओं को अगले 2 दिन भारी परेशानी होने वाली है।
वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक
एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह भाटी ने कहा कि उनके संगठन की बैठक शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई। इसमें पेट्रोलियम डीलरों की उक्त मांगों को लेकर राज्यव्यापी हड़ताल करने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि हड़ताल 10 मार्च को सुबह छह बजे से शुरू होकर 12 मार्च को सुबह 6.00 बजे तक रहेगी। भाटी ने कहा कि हड़ताल के दौरान राज्य का कोई भी पेट्रोलियम डीलर किसी भी प्रकार की खरीद व बिक्री नहीं करेगा।
11 मार्च को मौन रैली
जयपुर में इन मांगों को लेकर 11 मार्च को स्टैच्यू सर्कल से सचिवालय तक डीलर्स की एक मौन रैली भी निकाली जाएगी। इस आशय का पत्र राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह भाटी के हस्ताक्षर के साथ जारी कर दिया गया है। वाहन मालिकों और वाहन चालकों के लिए डीजल-पेट्रोल सबसे जरूरी चीज है। ईंधन के बिना वाहनों के पहिए थम सकते हैं। यही स्थिति अभी देश के कई शहरों में बन आई है, जहां लोगों को डीजल-पेट्रोल की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है।
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