सेंट्रल डेस्क: गूगल मैप पर भी अब धीरे-धीरे इंडिया की जगह भारत का नाम छाने लगा है। केंद्र सरकार के इंडिया की बजाय भारत के इस्तेमाल को लेकर कवायद तेज होने के बाद से ऑनलाइन साइट में भी ये बदलाव दिखने लगा है। अब गूगल मैप पर भारत लिख कर भी आप देश की लोकेशन देख सकते हैं। ऐसा लग रहा जैसे गूगल मैप ने अपनी डिक्शनरी में इंडिया के नाम में भारत भी जोड़ लिया है। अब दूनियाभर के गूगल मैप यूजर भारत या इंडिया दोनों ही नाम से सर्च करके देश की लोकेशन देख सकते हैं। पिछले कुछ समय से सरकार देश का नाम इंडिया से भारत करने को लेकर संकेत दे रही है, लेकिन इसको लेकर राजनीतिक दलों में माहौल गर्म है। देखा जाए तो आधिकारिक तौर पर देश का नाम अंग्रेजी के इंडिया से भारत नहीं किया गया है। बीते दिनों एनसीईआरटी पैनल ने सभी एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों में इंडिया का नाम बदलकर भारत करने का प्रस्ताव दिया था। इसको मंजूरी मिलने के बाद अब एनसीईआरटी की किताबों में बच्चों को इंडिया की जगह भारत पढ़ाया जाएगा।
गूगल मैप्स पर इंडिया का नाम भारत
देश का नाम ‘इंडिया’की जगह ‘भारत’हो इस पर चर्चाओं का बाजार गर्म ही है, लेकिन गूगल मैप्स (Google Maps) ने नए नाम को जरूर स्वीकार कर भारतवासी को नई सौगात दी है। इसे देखने के लिए Google Maps के सर्च बॉक्स में जाकर भारत (Bharat) टाइप करना होगा, आपको ‘दक्षिण एशिया में एक देश’लिखा हुआ दिखेगा। साथ ही भारत के साथ तिरंगा झंडा नजर आएगा। मालूम हो कि अब तक केंद्र सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर देश का अंग्रेजी नाम India से भारत नहीं किया गया है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप हिंदी में टाइप करें या अंग्रजी में टाइप करें अगर आप भारत हिंदी में टाइप करते हैं, तो गूगल आपको इंडिया ही दिखाएगा। गूगल मैप ने इंडिया और भारत दोनों को ही ‘दक्षिण एशिया में एक देश’के तौर पर मान्यता दी हुई है। इसलिए यूजर्स अगर भारत का आधिकारिक नक्शा गूगल मैप पर देखना चाहते हैं, तो वह अंग्रेजी या हिंदी दोनों में टाइप कर के सर्च कर सकते हैं।
एनसीईआरटी में अब भारत
नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की हाई लेवल कमेटी ने यही सिफारिश की है। कमेटी के चेयरपर्सन सीआई आइजैक ने हिंदुस्तान टाइम्स से कहा कि स्कूली करिकुलम में India को हटाकर ‘Bharat’ किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि NCERT समिति ने पाठ्यपुस्तकों में क्लासिकल हिस्ट्री शुरू करने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा NCERT समिति ने सभी विषयों के लिए पाठ्यक्रम में भारतीय ज्ञान प्रणाली (IKS) शुरू करने की सिफारिश भी की है। यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है। NCERT पैनल के मंजूरी के बाद ये सारी नई किताबों में भारत नाम लागू होगा। एनसीईआरटी समिति ने भी पाठ्यपुस्तकों में ‘हिंदू जीत’ को उजागर करने की सिफारिश की है। इसने पाठ्यपुस्तकों में ‘प्राचीन इतिहास’के स्थान पर ‘शास्त्रीय इतिहास’को शामिल करने की भी सिफारिश की है। बता दें कि साल 2020 में नई एजुकेशन पॉलिसी के आने के बाद ये बदलाव किए जा रहे हैं।
‘अंग्रेजों ने दिया India नाम, भारत है देश का प्राचीन नाम’
आइजैक ने कहा कि सात सदस्यों वाली समिति ने एकमत से यह सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि ‘भारत युगों पुराना नाम है। भारत नाम का इस्तेमाल विष्णु पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है जो 7,000 साल पुराना है।‘आइजैक ने कहा, ‘इंडिया शब्द का प्रयोग आमतौर पर ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना और 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही किया जाने लगा।‘इसलिए कमेटी ने सर्वसम्मति से सुझाव दिया है कि सभी कक्षाओं की किताबों में India की जगह भारत नाम यूज किया जाए।
G20 के बाद हुआ बदलाव
ये बदलाव जी-20 में भारत सरकार द्वारा देश का नाम इंडिया की जगह भारत इस्तेमाल किए जाने के बाद देखने मिल रहा है। आपको बता दे भारत सरकार ने राष्ट्रपति भवन में हुए डिनर के लिए भेजे गए इन्विटेशन में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’(President of India) की जगह ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’(President of Bharat) लिखा था। देश में कनूनी तौर पर दोनों ही नामों को मान्यता प्राप्त है, जैसा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 में कहा गया है कि इंडिया, जो कि भारत है, राज्यों का एक संघ होगा।
अनुराग ठाकुर का बयान
हालांकि, इस पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि ”मैं भारत सरकार में मंत्री हूँ। इसमें कुछ नया नहीं है। जी-20 के लोगो में भारत और India दोनों लिखा है। ऐसे में वो भारत नाम पर आपत्ति क्यों जता रहे हैं? जब वो विदेश जाते हैं तो भारत की आलोचना करते हैं। जब वो भारत में रहते हैं तो भारत नाम पर आपत्ति जताते हैं।”गौरतलब है कि अनुराग ठाकुर का ये बयान ऐसे वक्त में आया, जब कई नेताओं ने राष्ट्रपति भवन में होने वाले भोज का निमंत्रण पत्र साझा किया था। इस निमंत्रण पत्र में भारत लिखे होने पर विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि ये संविधान के आर्टिकल-1 का उल्लंघन है।
अन्य टेक प्लेटफॉर्म पर भी ‘भारत’
गौर करने वाली बात है कि सिर्फ गूगल मैप्स ही नहीं, बल्कि टेक कंपनी के अन्य प्लेटफॉर्म पर भी भारत (Bharat) और इंडिया लिखा जा रहा है तो रिजल्ट सेम आ रहे हैं। यूजर्स गूगल सर्च, गूगल ट्रांसलेटर, गूगल न्यूज जैसे एप पर भारत या इंडिया लिखते हैं तो उन्हें एक जैसा रिजल्ट मिल रहा। वैसे, गूगल ने इस पर आधिकारिक बयान नहीं दिया है।