नई दिल्ली/Mukhtar Ansari : यूपी के माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी को शनिवार को सुपुर्द-ए-खाक किया गया। इस दौरान कब्रिस्तान के बाहर हजारों की संख्या में भीड़ उमड़ गई थी। इनमें से कई लोग कब्रिस्तान के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने खदेड़ दिया। मुख्तार इंसारी के शव को उसके पुश्तैनी कब्रिस्तान युसुफपुर के कालीबाग में सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
इससे पहले जनाजे में भी भारी भीड़ उमड़ी, जिसे देखते हुए सुरक्षा-व्यवसथा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। वहीं, मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सांसद अफजाल अंसारी, पूर्व विधायक सिबगतुल्लाह अंसारी, भतीजे मुहम्मदाबाद विधायक सुहेब अंसारी, बेटा उमर अंसारी सहित सभी ने मुख्तार के कब्र पर मिट्टी देकर अंतिम विदाई दी।
Mukhtar Ansari के शव आने की सूचना पर गांव में उमड़ी भीड़
शुक्रवार की रात करीब 1.15 बजे मुख्तार अंसारी का शव उसके पैतृक कस्बा मुहम्मदाबाद के आवास पर पहुंचा। इसकी सूचना जैसे ही गांव वालों को मिली, तो भीड़ उमड़ पड़ी। लगभग उतनी ही भीड़ कब्रिस्तान के बाहर भी उमड़ गई। स्थिति यह हो गई कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मुख्तार के बेटे उमर ने खुद मोर्चा संभाला।
वे लाउडस्पीकर से लोगों को पीछे हटने की अपील करते रहे। कब्रिस्तान के अंदर सिर्फ परिवार के सदस्यों को ही जाने की अनुमति थी। मुख्तार अंसारी को उसके माता-पिता की कब्र के पास ही दफनाया गया है। सुरक्षा के लिहाज से चप्पे-चप्पे पर पुलिस के साथ ही अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती की गई थी।
गुरुवार को हुई थी मौत
माफिया डॉन रहे मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात हार्ट अटैक (कार्डिया अरेस्ट) से मौत हो गई थी। तबीयत बिगड़ने पर तीन घंटे पूर्व उसे बांदा मंडल कारागार से मेडिकल कॉलेज लाया गया था। यहां नौ चिकित्सकों की टीम उसकी जांच व इलाज में जुटी हुई थी। हालांकि, इसी बीच उसकी मौत हो गई। इसके बाद रात करीब 10.30 बजे पुलिस-प्रशासन ने उसकी मौत की सूचना सार्वजनिक की। हालांकि, मौत के बाद परिजनों द्वारा कई तरह के सवाल उठाते हुए मामला संदिग्ध बताया जा रहा है। वहीं, न्यायिक जांच की भी मांग की जा रही है।
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