तेल अवीव: इजराइल-हमास जंग का सोमवार को 24वां दिन है। इस जग में अब तक 10 हजार से अधिक लोगों के मारे जाने की संभावना है। इस बीच इजराइली सेना ने गाजा में अपनी जमीनी हमले हमले बढ़ा दिए हैं। इजराइल डिफेंस फोर्सेस के सैनिकों ने रविवार को गाजा में घुसकर वहां अपना झंडा फहरा दिया है।
ये सैनिक हमश के ठिकानों को तलाश कर उसे नष्ट कर रहे हैं। इस दौरान उनकी हमास के लड़ाकों से भिड़ंत भी हुई है। लेकिन इसी बची वहां से कई दर्दनाक वीडिया व तस्वीरें भी सामने आ रही हैं। गाजा में मौत का ऐसा टांडव मचा है कि लोग टॉर्च लेकर मलबे में अपनों के शवों और लापता परिजनों को ढूंढ रहे हैं। हर तरफ चीख पुकार है।
डॉक्टर्स भी अंधेरे में इलाज करने को मजबूर:
गाजा की स्थिति ऐसी है कि अस्पताल घायलों से भरे पड़ें हैं लेकिन यहां बिजली जैसी मूलभूत सुविधा भी नहीं है। जिसकी वजह से डॉक्टर्स भी अंधेरे में इलाज कर रहे हैं। क्योंकि इजराइल ने गाजा को होने वाली बिजली की सप्लाई रोक दी है इसकी वजह से लोग यहां अंधेरे में जीवन यापन करने पर मजबूर हैं।
एक दिन का बच्चा मारा गया
इस जंग की चपेट में कब कौन आ जाए इसकी कोई गारंटी नहीं है। रविवार को बमबारी में एक दिन का बच्चाउदय अबू मोहसिन शिकार हो गया। उसका जन्म 28 अक्टूबर को हुआ था। 29 अक्टूबर को वो मारा गया। एक फिलिस्तीनी फोटो जर्नलिस्ट ने कफन में लिपटे शव की तस्वीर सोशल मीडिया में शेयर की है।
इजराइली सेना ने कहा कि हमास का टनल नेटवर्क तबाह करना ही होगा:
इस युद्ध में लगातार निर्दोष लोगों के मारे जाने के बाद भी इजराइली सेना युद्ध से पीछे हटने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि हमास के मुख्य और अन्य बड़े ठिकाने अस्पतालों, स्कूलों, मस्जिदों के नीचे हैं। हमास सुरंगों से ऑपरेट करता है। इस संगठन को जड़ से खत्म करने के लिए गाजा का टनल नेटवर्क तबाह करना होगा। जबकि हम उसे तबाह नहीं कर देंगे यह युद्ध जारी रहेगा। यह भी दावा है कि हमास ने जिन लोगों को बंधक बनाया है उन्हें इन्हीं सुरंगो में रखा गया है ।
अस्पताल खाली करने से WHO का इनकार
इजराइल सेना ने नॉर्थ गाजा के अल कुद्स अस्पताल के नीचे हमास के खुफिया अड्डा होने का दावा करते हुए उसे जल्द से जल्द खाली करने को कहा है। विदित हो कि यह फिलिस्तिन का सबसे बड़ा अस्पताल है और यहां बड़ी संख्या में घायलों का इलाज चल रहा है। इजरायल के चेतावनी पर वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) का कहना है कि अस्पताल में मरीजों की संख्या काफी ज्यादा है। सैकड़ों घायल रोज यहां इलाज और फर्स्ट एड के लिए आ रहे हैं। ऐसे में अस्पतालों को खाली करना संभव नहीं है । विदित हो कि WHO की टीम यहां लोगों को सहायता पहुंचा रही है।