स्पेशल डेस्क/Indonesia Landslides and floods: इंडोनेशिया के सुमात्रा द्वीप पर भारी बारिश और ज्वालामुखी की ढलानों से ठंडे लावा और कीचड़ बहने से तबाही आ गई है। इससे द्वीप पर अचानक बाढ़ आ गई। इससे कम से कम 37 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से अधिक लोग लापता हो गए हैं। मानसून की बारिश और माउंट मारापी पर ठंडे लावा के कारण बड़े भूस्खलन की घटना घटी है। बाढ़ की वजह से शनिवार की आधी रात से ठीक पहले एक नदी ने अपने किनारों को तोड़ दिया। फिर पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों में पहाड़ी गांवों को तबाह कर दिया।
राहत बचाव कार्य जारी
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने शिन्हुआ को बताया,‘‘हमें कई शव मिले हैं, जिससे मरने वालों की कुल संख्या 44 हो गई है। बड़े पत्थरों ने खोज में बाधा डाली है, लेकिन हम लापता 15 लोगों की तलाश जारी रखे हुए हैं।” उनके मुताबिक, कुछ मशीनरी उपकरण बाढ़ प्रभावित इलाकों में सफलतापूर्वक पहुंच गए हैं।
उन्होंने कहा कि तलाशी अभियान तनाह दातर और अगम रीजेंसी पर केंद्रित होगा, जहां से अन्य 15 लोगों के लापता होने की सूचना मिली थी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी (बीएनपीबी) के प्रवक्ता अब्दुल मुहरी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के कारण तीन हजार से अधिक लोगों को घर छोड़कर दोनों रीजेंसी में शरण लेना पड़ा है, क्योंकि ठंडे ज्वालामुखी की कीचड़ ने घरों, इमारतों और अन्य बुनियादी सुविधाओं को नष्ट कर दिया है।
बाढ़ में बह गए लोग
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता अब्दुल मुहारी ने कहा कि मानसून की बारिश और माउंट मारापी की ठंडे लावे वाली ढलानों से कीचड़ का प्रवाह हुआ। कीचड़ वाले पानी की वजह से भूस्खलन हुआ। भारी बारिश के कारण शनिवार आधी रात एक नदी उफना गई। नदी में आए उफान के कारण पश्चिम सुमात्रा प्रांत के चार जिलों के कई गांव बाढ़ की चपेट में आ गए। उन्होंने बताया कि कई लोग बाढ़ में बह गए और 100 से अधिक घर और इमारतें जलमग्न हो गईं।
ठंडा लावा ज्वालामुखीय सामग्री और मलबे का मिश्रण है, जो बारिश में ज्वालामुखी की ढलानों से बहता है। अब्दुल मुहारी ने कहा कि खराब मौसम, क्षतिग्रस्त सड़कें और मलबे से सड़क अवरुद्ध होने के कारण राहत प्रयासों में बाधा आ रही थी। उन्होंने कहा कि बाढ़ में कम से कम 19 लोग घायल हो गए। बचाव कर्मी लापता 17 ग्रामीणों की तलाश कर रहे हैं।
पडांग पंजांग पुलिस प्रमुख कार्त्याना पुत्र ने रविवार को कहा कि शनिवार की रात अचानक आई बाढ़ के कारण तनाह दातार जिले में अनई घाटी झरना क्षेत्र के आसपास की मुख्य सड़कें भी कीचड़ से अवरुद्ध हो गईं, जिससे अन्य शहरों तक पहुंच बाधित हो गई। पिछले साल के अंत में माउंट मेरापी के अचानक हुए विस्फोट में 23 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी।