सेंट्रल डेस्क। India-pak in UN: दुनियाभर में धार्मिक मतभेद बढ़ता जा रहा है। अमेरिका और कनाडा जैसे देशों में हिंदुओं के प्रति घृणा अपराध बढ़ रहे हैं। ऐसे में, पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में इस्लामोफोबिया पर एक प्रस्ताव पेश किया, जिससे चीन ने सहमति जताई है।
वही भारत ने भी कड़ा रुख अपनाया और इस प्रस्ताव का हिस्सा नहीं बनने का फैसला लिया है। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि सिर्फ एक धर्म की बात न करके बल्कि हिंसा तथा भेदभाव का सामना कर रहे अन्य सभी धर्मों की भी बात की जाए और प्रस्ताव रखा जाए।
India-pak in UN: क्या कहा भारत की स्थायी प्रतिनिधि ने
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने यहूदी विरोधी ईसाई धर्म से घृणा और इस्लाम से भय के खिलाफ सभी कृत्यों की निंदा की। साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इस तरह के भय के मामले अब्राहमी धर्म से परे हैं। उन्होंने कहा कि बहुलवाद के एक गौरवशाली हिमायती के रूप में भारत सभी धर्मों और सभी आस्थाओं के समान संरक्षण और संवर्धन के सिद्धांत को दृढ़ता से कायम रखता है। उन्होंने कहा कि यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि फोबिया अब्राहमिक धर्मों से भी परे है।
Islamophobia- प्रस्ताव के पक्ष में 115 देशों ने किया मतदान
इस्लामोफोबिया से निपटने के उपाय प्रस्ताव को शुक्रवार को पाकिस्तान द्वारा पेश किया गया जिसके पक्ष में 115 देशों ने मतदान किया। जबकि भारत ब्राजील फ्रांस जर्मनी इटली यूक्रेन और ब्रिटेन सहित 44 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया।
इस बीच यूएनजीसी में पाकिस्तान द्वारा भारत के राम मंदिर और नागरिकता संशोधन अधिनियम का नाम लिए जाने पर भारत ने पाकिस्तान की आलोचना की। कंबोज ने कहा कि मेरे देश से संबंधित मामलों पर इस प्रतिनिधिमंडल के सीमित और गुमराह दृष्टिकोण को देखना वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ये इनकी मानसिकता दिखाता है।
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