नेशनल डेस्क : समुद्री लुटेरों के खिलाफ एक ऑपरेशन में इंडियन नेवी (India Navy) को बड़ी सफलता मिली है। भारतीय तट से लगभग 1,400 समुद्री मील दूर एक कमर्शियल मालवाहक जहाज पर सवार 35 सोमालियाई समुद्री लुटेरों को नौसेना ने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर दिया। इतना ही नहीं, नेवी के जवानों ने चालक दल के 17 सदस्यों को भी वहां से सुरक्षित निकाला। अधिकारियों ने कहा कि मजबूत प्लानिंग के साथ ऑपरेशन में भारतीय नौसेना ने इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
इस तरह चला ऑपरेशन (India Navy)
बताया गया है कि “आईएनएस कोलकाता ने भारतीय तट से लगभग 1,400 एनएम (2,600 किमी) दूर अपहृत जहाज एमवी रुएन को रोका और आईएनएस सुभद्रा, हेल आरपीए, पी8आई समुद्री गश्ती विमान और मार्कोस के सहारे कार्रवाई करते हुए समुद्री लुटेरों को सरेंडर करने के लिए मजबूर कर दिया।
लुटेरों ने MV रुएन जहाज को बेस बना लिया था
मीडिया ने जानकारी के मुताबिक, लुटेरे MV रुएन जहाज का इस्तेमाल अपने बेस की तरह करने लगे थे। 14 मार्च को समुद्री लुटेरों ने इससे पहले एक बांग्लादेशी झंडे वाले जहाज मर्चेंट वेसल अब्दुल्लाह पर कब्जा करने की कोशिश की थी। 15-20 हथियारबंद लुटेरों ने जहाज पर हमला कर दिया था। ये मोजाम्बिक से संयुक्त अरब अमीरात (UAE) जा रहा था। हालांकि, भारतीय नौसेना ने इसे रेस्क्यू कर लिया था।
जहाज की निगरानी के लिए भेजा
इस जहाज पर बांग्लादेश के 23 क्रू मेंबर्स सवार थे। हाइजैक की सूचना मिलते ही भारतीय नेवी ने क्रू मेंबर्स से संपर्क करने की कोशिश की। इसके बाद कोई जवाब न मिलने पर नौसेना ने अपने पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट को जहाज की निगरानी के लिए भेजा था। जहाज पर करीब 55 हजार टन कोयला मौजूद था।
जहाज में थे इन देशों के नागरिक
भारतीय नौसेना से मिली जानकारी के मुताबिक, जिस जहाज को समुद्री लुटेरों ने अगवा किया था, उसमें अधिकतर अंगोला, म्यांमार और बरमूडा के नागरिक शामिल थे। इसी सप्ताह सोमाली समुद्री डाकुओं ने बांग्लादेश के झंडे वाले एक मालवाहक जहाज पर कब्जा कर लिया था। बता दें कि 2017 के बाद से सोमाली समुद्री डाकू किसी व्यापारी जहाज का सफलतापूर्वक अपहरण नहीं कर पाए हैं।
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