हेल्थ डेस्क, जमशेदपुर : देश में कितने सरकारी कर्मचारी हैं? कितने की जरूरत है? कितने पद खाली हैं। क्या आपको पता है? नहीं, तो आइए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं। दरअसल, इन्हीं सब मुद्दों को लेकर जमशेदपुर के इंडियन मेडिकल एसोसिएशन हाल में केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारियों की ओर से एक संयुक्त अधिवेशन रखा गया था। इसमें भाग लेने के लिए केरल से अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव ए श्री कुमार भी आएं थे। इस दौरान उन्होंने कर्मचारियों की जरूरत और देश के विकास को गति देने के लिए वे किस तरह से महत्वपूर्ण है। इसपर अपनी राय रखीं।
30 साल पहले देश में कितने कर्मचारी थेअखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव ए श्री कुमार ने कहा कि 30 साल पहले देश में एक करोड़ सरकारी कर्मचारी थे जो अब घटकर 70 लाख हो गया है। यानी सरकारी कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जबकि जनसंख्या बढ़ी है।
देश में 45 लाख पद रिक्त
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव ए श्री कुमार ने कहा कि देश में 45 लाख सरकारी कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। इसमें केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में 10 लाख और 28 राज्यों में कर्मचारियों के करीब 35 लाख स्थायी पद रिक्त है।
तीन नवंबर को दिल्ली में होगी रैली
अखिल भारतीय राज्य सरकारी कर्मचारी महासंघ के राष्ट्रीय महासचिव ए श्री कुमार ने कहा कि कर्मचारियों की कमी व पेंशन को लेकर तीन नवंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक रैली रखी गई हैं। इसमें देशभर से कर्मचारी शामिल होंगे और अपनी मांगों को रखेंगे।
काम की गुणवक्ता में आई कमी
ए श्री कुमार करते हैं कि कोरोना के दौरान देश जब संकट से जूझ रही थी तब विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर इससे उबारने का काम किया। फिर भी सरकार स्थायी नियुक्ति नहीं कर आउटसोर्स, अनुबंध आदि के आधार पर बहाली कर रही है, जिससे काम की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
इन राज्यों में दोबारा पेंशन शुरू हुई ए श्री कुमार करते हैं कुछ राज्यों में दोबारा पेंशन शुरू की गई है। इसमें झारखंड सहित हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ सहित अन्य शामिल हैं। इस तरह से पूरे देश में पेंशन लागू होनी चाहिए। इसे लेकर कर्मचारी आक्रोशित हैं। अगर, सरकार जल्द ही कोई निर्णय नहीं करती हैं तो कर्मचारी आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
अधिवेशन में जुटे प्रदेशभर के कर्मचारी
इससे पूर्व झारखंड चिकित्सा एवं जन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की ओर से 7वां अधिवेशन रखा गया। इसका उद्घाटन संघ के प्रदेश महामंत्री रामाधार शर्मा ने किया। इस मौके पर उन्होंने कर्मचारियों का एकजुट होने कहा। कार्यक्रम में धनबाद से सत्येंद्र शर्मा, देवघर से अरुणानंद झा, जिला मंत्री रवींद्र ठाकुर, नीरूलता बेसरा, अविनाश मिश्रा, मृत्युंजय कुमार, आइएमए के अध्यक्ष डा. जीसी मांझी, सचिव डा. सौरभ चौधरी, सीआइटीयू के विश्वजीत डे मौजूद थे।
स्वास्थ्य कर्मचारी संघ की जिला कमेटी गठित
– संरक्षक : वासुदेव पाणिग्रही
– सम्मानित अध्यक्ष : रामदयाल यादव
– जिला अध्यक्ष : प्रदुमन कुमार
– वरीय उपाध्यक्ष : जॉनी मुखी
– उपाध्यक्ष : सरोजनी महतो, अन्नपूर्णा बाहुती, संत कुमार झा, किरण कुमारी, प्यारी कुजुर
– जिला मंत्री : दीपक कुमार साव
– संयुक्त मंत्री : राजू कुमार, रूप कच्छप, निशांत कुमार, ओम प्रकाश ठाकुर, निरंजन कुमार
– कोषाध्यक्ष : तुषार कांती बनर्जी
– कार्यालय मंत्री : डिंपल कुमारी, विमल कुमार मंडल
– संघर्ष अध्यक्ष : कुंदन कुमार
– संघर्ष उपाध्यक्ष संग्राम मुर्मू, अशोक बरीका
– संघर्ष मंत्री : प्रशांत कुमार
– संघर्ष संयुक्त मंत्री : वरुण पाल
– महिला उप समिति की संयोजिका : कुसुमांजलि
– उप-संयोजिका : बिंदु कुमारी, आरती मंडल, सुजाता घटवारी, हेमंता कुमारी
– कार्यकारिणी सदस्य : सुरेंद्र मल्लिक, सोम सिंह सरदार, कृष्णा टुडू, अनिल टुडू, प्रवीण महतो, के. कम
ला, शरत कुमार बेरा, गौतम कुमार शील और विनोद कुमार।