पॉलिटिकल डेस्क/Haryana Floor Test: हरियाणा में नए मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने विश्वास मत हासिल कर लिया है। बुधवार को हरियाणा विधानसभा के एक दिवसीय स्पेशल सत्र के दौरान फ्लोर टेस्ट में वे पास हो गए। इस स्पेशल सत्र के लिए जेजेपी ने अपने विधायकों के लिए थ्री लाइन व्हिप जारी किया था। व्हिप के बावजूद जेजेपी के केवल 4 विधायक ही सदन में पहुंचे थे।
इन विधायकों में जोगीराम सिहाग, ईश्वर सिंह, रामकुमार गौतम और देवेंद्र बबली सदन में मौजूद रहे। जबकि छह विधायक सदन में नहीं पहुंचे। ऐसे में जेजेपी में टूट देखने को मिली। उधर, मंगलवार को नाराज होकर चले गए अनिल विज विधानसभा पहुंचे और वह खुश नजर आए।
Haryana Floor Test : बोले सैनी- भाजपा की वजह से हुआ सब संभव
विश्वास मत हासिल करने के बाद अपने संबोधन में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा, “मैं एक साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आता हूं, मेरे परिवार में कोई भी राजनीति में नहीं है। मैं सिर्फ बीजेपी का एक पार्टी कार्यकर्ता हूं और आज मुझे इतना बड़ा मौका दिया गया है। मुझे कहना होगा कि यह तभी संभव हो सकता है जब पार्टी भाजपा जैसी हो…।”
कार्यवाही शुरू होते ही हुआ हंगामा
वहीं, सदन के विशेष सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कुछ देर के लिए हंगामा भी हुआ। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने स्पीकर से मांग की कि एक घंटे के लिए सदन की कार्यावाही स्थगित की जाए, क्योंकि उनके सदस्य नहीं पहुंचे हैं। सदन में कांग्रेस विधायकों ने इमरजेंसी में सदन बुलाने पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस के विधायक बीबी बत्तरा ने सवाल उठाया और पूछा कि आखिरकार ऐसी क्या इमरजेंसी थी कि आनन-फानन में सदन को बुलाया गया।
स्पीकर व कांग्रेस विधायकों में हुई बहस
इस दौरान स्पीकर और कांग्रेस विधायकों में बहस हुई। वहीं, सदन में पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जब बात रखी तो कांग्रेस विधायकों ने विरोध करते हुए हंगामा किया।
वहीं, सीएम नायब सैनी ने विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया। इस पर करीब दो घंटे तक चर्चा के बाद विश्वास प्रस्ताव पारित हो गया। प्रस्ताव पेश करने के बाद जेजेपी के पांच विधायकों ने सदन से वॉकऑउट कर दिया। इसके अलावा, निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू भी सदन से बाहर चले गए। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विधायक समर्थन और विरोध में अपने अपने तर्क सदन में देते रहे।
भाजपा को 48 का समर्थन
विधानसभा में बहुमत के लिए 46 विधायक चाहिए। भाजपा ने 48 विधायकों के साथ बहुमत हासिल किया है। इसमें से 41 विधायक भाजपा के हैं। जबकि उसे सात निर्दलीय विधायकों में से 6 के साथ-साथ हरियाणा लोकहित पार्टी के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा का भी समर्थन प्राप्त है।
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