लखनऊ/ ED Case on Elvish: फेमस यूट्यूबर एल्विश यादव पिछले कुछ समय से लगातार विवादों में घिरे हैं। एक के बाद एक उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। इसी कड़ी में ईडी ने भी एल्विश यादव के खिलाफ शिकंजा कसा है। उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है।
ED Case on Elvish: जल्द ही होगी पूछताछ
यह मामला ईडी के लखनऊ जोनल ऑफिस में दर्ज किया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द ही एल्विश को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया जा सकता है। इस पूछताछ के दौरान रेव पार्टियों के संचालकों के बारे में भी पूछताछ होगी। इसके अलावा एल्विश के पास लग्जरी कारों के काफिले समेत उनकी तमाम संपत्तियों से जुड़ी पूछताछ की जा सकती है।
हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले 26 वर्षीय यूट्यूबर एल्विश यादव का असली नाम सिद्धार्थ यादव है। एल्विश यादव यूट्यूब पर अपने वीडियोज की वजह से चर्चा में रहता था। हालांकि, वह सुर्खियों में तब आया, जब उसने ओटीटी पर बिग बॉस- 2 का खिताब जीत लिया था। इसके बाद उसके चाहने वालों की संख्या देशभर में तेजी से बढ़ी। बिग बॉस में जीतने के बाद गुरुग्राम में हुए सम्मान कार्यक्रम में खुद हरियाणा के सीएम मनोहरलाल खट्टर पहुंचे थे।
नोएडा पुलिस ने एल्विश को किया था गिरफ्तार
यूट्यूबर एल्विश यादव को 17 मार्च को नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पुलिस ने एल्विश को पार्टियों में मनोरंजक दवा के रूप में सांप के जहर के इस्तेमाल की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था। नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (NDPS) एक्ट, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। पशु अधिकार से जुड़े एक एनजीओ, पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) ने पिछले साल 3 नवंबर को नोएडा के सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन में छह लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें एल्विश यादव भी शामिल थे।
पुलिस के पास पर्याप्त सबूत
डीसीपी नोएडा जोन विद्या सागर मिश्रा ने बताया था कि सभी नामजद आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है। पर्याप्त साक्ष्यों को अदालत के सामने पेश किया गया है। इसमें मुंबई स्थित डिपार्टमेंट ऑफ फारेंसिक मेडिसीन ताऊ क्सिकोलाजी के विशेषज्ञ की सलाह भी शामिल की गई है। डीसीपी विद्यासागर मिश्र ने बताया कि देशभर में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज केस का नोएडा पुलिस की एक टीम ने अवलोकन किया। एक अन्य टीम ने जयपुर से आई फॉरेंसिक रिपोर्ट का अध्ययन किया। रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि हुई थी, सांपों का, जो जहर सपेरों के पास से मिला था, वह करैत प्रजाति के कोबरा का है।
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