सेंट्रल डेस्क: भारत के दुश्मनों को धूल चटाने के लिए भारतीय नेवी में एक और विध्वंसक जहाज को शामिल किया गया है। स्टील्थ गाइडेड मिसाइल श्रेणी का यह तीसरा जहाज है। इसे भारतीय नेवी को सौंप दिया गया है।
मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने बनाया है इस खतरनाक विध्वंसक को
देश के आर्थिक राजधानी मुंबई में स्थित मझगांव डॉक शिपबिर्ल्ड ने इम्फाल का निर्माण किया है। यह स्टील्थ गाइडेड मिसाइल विध्वंसक है। इस जहाज की आधारशिला 2017 में रखी गई थी। इसके दो साल बाद 2019 में मुबई के मझगांव डॉक यार्ड में इसे लांच किया गया था।
महिला अधिकारियों और नाविकों के लिए है अलग से रहने की व्यवस्था
विध्वंसक इम्फाल भारतीय नेवी का ऐसा पहला पोत है, जिसमें महिला अधिकारियों और नाविकों के रहने के लिए अलग से आवास की व्यवस्था की गई है। पोत के स्वीकृति कागजात पर एमडीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संजीप सिंघल और सीएसओ रियर एडमिरल संजय साधु, कमांडिंग ऑफिसर एमडीएम कैप्टन केके चौधरी ने साइन किए।
यह पहला जहाज जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के राज्यों के राजधानी पर रखा गया
इम्फाल भारतीस नौसेना का पहला ऐसा जहाज है, जिसका नाम नॉर्थ ईस्ट के राज्य के राजधानी के नाम पर रखा गया है। भारतीय सेना के वरीय अधिकारियों के अनुसार सेकेंड वर्ल्ड वार में इम्फाल के लिए लड़ने वाले सैनिकों के मान्यता के अनुसार इस जहाज का नाम इम्फाल रखा गया है।
ब्रह्मोस और बराक-8 मिसाइल से लैस है इम्फाल
भारत के विध्वंसक पोत इम्फाल विश्व के सबसे बेहतरीन और सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस है। इसके कारण यह किसी भी दुश्मन को धूल चटा देगा। इसके साथ ही इस पोत को बराक-8 मिसाइल से भी लैसे किया गया है। इसके अलावा इसमें पनडुब्बी को पानी के अंदर ही मारने के लिए टॉरपीडो भी है। साथ ही हाइटेक सेंसर सिस्टम भी दिया गया है, जिससे ये दुश्मन जहाजों और पनडुब्बी का आसानी से पता लगा सकता है और उसे नष्ट कर सकता है। वहीं, इस पोत में एएसडब्लू रॉकेट लांचर भी है।
312 अधिकारी और नाविक रहेंगे तैनात
मिली जानकारी के अनुसार इस पोत में 312 अधिकारियों व नाविकों को तैनाती की जाएगी। यह पोत 42 दिनों के मिशन को एकबार में अंजाम दे सकता है। साथ ही 4000 किमी तक सफर कर सकता है। इस पर दो हेलिकॉप्टरों को तैनात किया जा सकता है, जिससे इम्फाल को ताकत और भी ज्यादा बढ़ जाएगी। वहीं, यह जहाज 55 किमी प्रतिघंटे क स्पीड से समुद्र में चल सकती है।
P15B क्लास का तीसरा जहाज है इम्फाल
नौसेना को मिलने वाला यह P15B क्लास का तीसरा जहाज है। इससे पहले इस क्लास का INS विशाखापत्तनम 2021 में भारतीय नौसेना में शामिल हो चुका है। वहीं, 2022 में मोरमुगाओ नाम से इस क्लास का दूसरा जहाज नौसेना को सौंपा गया था। वहीं, इसी क्लास से चौथे जहाज सूरत को तैयार किया जा रहा है, जो कुछ ही दिनों में नौसेना को सौंप दिया जाएगा।